अजब-गजब : अंधविश्वास के प्रति जागरूकता लाने वाले शिक्षकों में जादू-टोना का भय..जानिए मामला.
KISHANGANJ:- अंधविश्वास के प्रति जागरूक करने की जिम्मेवारी निभानेवाली शिक्षक खुद जादू-टोना के चक्कर में पड़े हुए हैं और इससे डरकर प्रधानाध्यपक समेत कुल 9 शिक्षक अपना स्कूल छोड़ना चाहते हैं.उसके लिए सभी 9 शिक्षकों ने शिक्षक विभाग को अपना सामूहिक तबादला कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिया है.
9 शिक्षकों में भय
हैरत करने वाली यह खबर बिहार के किशनगंज जिला के समदा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय का है.इस स्कूल के प्रधानाध्यापक सहित 9 शिक्षको ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर अन्य किसी विद्यालय में तबादला करने की मांग की है.यहां के शिक्षको की मानें तो मो. बाबुल नाम के शिक्षक कई महीनो से बीमार हैं.उनकी पत्नी मुक्ति खातून उनके साथ आती हैं और अपने बीमार पति को ठीक करने लिए दूसरे शिक्षकों के साथ टोना-टोटका करती है जिससे दूसरे शिक्षक मानसिक रूप से काफी परेशान हैं.
प्रधानाध्यापक ने क्या कहा
स्कूल के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार का कहना है कि शिक्षक मो. बाबुल की पत्नी शिक्षको पर अनावश्यक दवाब बनाती है जिससे हम सभी शिक्षको के मानसिक स्थिति पर इसका असर पड़ रहा है।प्रधानाध्यापक ने कहा की शिक्षक की पत्नी के द्वारा दुआ ताबीज किया जाता है और इसकी वजह से हम लोग परेशान है और हमारी मांग है कि हम सभी को यहां से हटा दिया जाए।
वहीं एक अन्य शिक्षक मानिक दास ने कहा कि चाय में टोना-टोटका किया जाता है.सभी शिक्षकों की मां की नाम पूछा जाता है.मना करने के बाद भी मो.बाहुल की पत्नी बीमारी का बहना बनाकर साथ में स्कूल आती है ओर रोज कुछ ने कुछ टोटका करते रहती है.इससे हमलोग परेशान हो गे हैं और यहां से तबादला करके दूसरी जगह जाना चाह रहे हैं.
जादू-टोने का आरोप बेबूनियाद
वहीं शिक्षक मो.बाबुल की पत्नी ने इस तरह के आरोप के बेबुनियाद बताया. अपनी सफाई में मुक्ति खातून ने कहा कि उनके पति मो. बाबुल की दुर्घटना के शिकार हो गए थे. उसके बाद से उन्हे पढ़ाने में तकलीफ होती है .जिस वजह से उनका ध्यान रखने के लिए विद्यालय साथ आती हैं,पर जादू-टोना करने का आरोप सरासर गलत है.एक सोची समझी साजिश के तहत उन पर इल्जाम लगाया जा रहा है।
इस जादू-टोना की वजह से स्कूल की पठन-पाठन पर असर पर रहा है.इसको खुद शिक्षक भी स्वीकार कर रहे हैं.सभी शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय मे आवेदन दिया है.ऐसे में जरूरी है कि सीनियर अधिकारियों द्वारा इस तरह के कदम उठाये जाएं,जिससे कि स्कूल की व्यवस्था ठीक हो जाय और शिक्षक जादू-टोना की जगह पढ़ाई-लिखाई की बात कर सके.