खटिया पर सिस्टम! : जमुई के इस प्रखंड में सुविधाएं नदारद, मरीज खाट पर जाते हैं अस्पताल, सड़क और पुल की आस में पथराई आंखें
JAMUI :यह बिहार है। विकास की रफ्तार है। फिर भी चकाई का यह गांव विकास से अछूता है। चकाई प्रखंड के पेटार पहाड़ी पंचायत का एक ऐसे गांव हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हैं। हालत यह है कि ग्रामीणों को पुल और पक्की सड़क भी नसीब नहीं है। इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। खासकर जब मरीज को बरसात के दिनों मे अस्पताल पहुंचाना होता है तो खाट पर टांग कर ले जाने के अलावा और कोई चारा नहीं बचता हैं।
खाट पर टांगकर मरीज को वाहन तक पहुंचाया
प्रखंड के पेटारपहाड़ी पंचायत के जलखरिया गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां गांव के एक व्यक्ति को खटिया पर टांग कर ग्रामीणों ने 3 किलोमीटर का सफर तय कर उसे मुख्य सड़क पर मौजूद वाहन तक पहुंचाया। इसके बाद मरीज को देवघर अस्पताल पहुंचाया जा सका।
गांव में सड़क और नदी पर पुल नहीं
दरअसल, प्रखंड के जलखरिया गांव निवासी अनिल दास को किसी विषैले जीव ने काट लिया था, जिसके बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गईं थी। इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने मरीज के परिजन के साथ मिलकर खाट पर टांग कर वाहन तक पहुंचाया। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें गांव तक पहुंचने के लिए एक नदी को पार करना पड़ता है, जो कि आज तक नहीं बना सका और ना ही पक्की सड़क बन पायी है। गांव तक पहुंचने के लिए अभी भी ग्रामीणों को नदी को पार करना पड़ता है।
बरसात के मौसम में गांव तक कोई भी गाड़ी नहीं पहुंच पाती है। इसी कारण खाट पर टांग कर 3 किलोमीटर पैदल चलकर वाहन तक लाया गया है। इसके बाद वाहन के सहारे इलाज के लिए देवघर अस्पताल ले जाया गया। जलखरिया गांव तक आसानी से एंबुलेंस पहुंच सके, ऐसी जलखरिया नदी पर पुल और पक्की सड़क ही नहीं है लिहाजा परिवार वाले खाट पर लेटाकर अनिल को 3 किलोमीटर पैदल मुख्य सड़क पर पहुंचाया।
उसके बाद वाहन से उसे इलाज के लिए देवघर अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, जहां इलाज के दौरान रात्रि में ही उसकी मौत हो गई।
सांसद और विधायक देते हैं सिर्फ आश्वासन
ग्रामीणों का कहना हैं कि चुनाव के समय नदी पर पुल बनवाने का हर कोई वादा कर जाता है। उसके बाद सभी लोग हमारी परेशानी को भूल जाते हैं।