JHARKHAND NEWS : डिजिटल युग में भी बिना बिजली-सड़क-पुल के जी रहे बरहे गांव के लोग..!


चतरा:देश आज़ादी के 75 साल पूरा कर चुका है और भारत डिजिटल युग में तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड का बरहे गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यह गांव अब भी ‘विकास’ से कोसों दूर है, न सड़क है, न पुल, न बिजली की व्यवस्था और न ही स्वास्थ्य सुविधा। घने जंगलों के बीच बसे इस गांव को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली कोई सड़क नहीं है। गांव के पास से गुजरने वाली नदी पर आज तक पुल नहीं बन पाया। हर साल बारिश आते ही ग्रामीणों को लकड़ी और पेड़ों की टहनियों से अस्थायी पुल तैयार करना पड़ता है ताकि वे आवागमन कर सकें। पूरा गांव मिलकर इस अस्थायी पुल को बनाता है। लेकिन हर साल यह पुल बारिश की पहली तेज धारा में बह जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं होने के कारण कई बच्चों की जान जा चुकी है। स्कूल जाने के दौरान नदी का पानी गहरा होने पर वे बह गए। गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार हमें घंटों इंतजार करना पड़ता है जब तक पानी कम न हो जाए। उन्होंने अपनी दर्दभरी कहानी साझा करते हुए कहा कि गांव के ही एक बच्चे को सांप ने काट लिया था। नदी में बाढ़ आने के कारण हम पार नहीं जा सके। पूरी रात इंतजार में बीती और सुबह उसने दम तोड़ दिया।
उपायुक्त कृतिश्री ने बताया कि जिला प्रशासन को जब भी इस तरह की समस्या की जानकारी मिलती है, तो कार्रवाई की जाती है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि वे अब ऐसे वादों पर भरोसा नहीं करते। उनका कहना है कि नेताओं और अधिकारियों से कई बार गुहार लगाने के बावजूद सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिले हैं। बरहे गांव की यह कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं है, बल्कि उन लाखों ग्रामीणों की हकीकत बयां करती है जो आज भी विकास के नारों से परे,बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।