केके पाठक को किसने भेजा दिल्ली? : शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दी सफाई, बोले- उनके कहने पर हमने लिया निर्णय, सरकार का हाथ नहीं
Desk: केके पाठक (KK Pathak)को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति(central deputation)भेजा गया या फिर उन्होंने खुद जाने का निर्णय लिया । इस सवाल का जवाब खुद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी(Vijay Kumar Chaudhary)ने दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा है बल्कि उन्होंने सरकार को आवेदन दिया था कि हमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति भेज दिया जाए।
मंत्री विजय चौधरी ने आगे कहा कि केके पाठक की इच्छा का सम्मान करते हुए सरकार ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है। सरकार को उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने में कोई दिक्कत नहीं था,हमने सिर्फ उन्हें इस बात काNOCदिया है।
दरअसल, केके पाठक ने जून2023में शिक्षा विभाग के एसीएस के रूप में पदभार संभाला था। उनकी कार्यशैली को लेकर राज्यपाल,तत्कालीन शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर(Chandrashekhar)और उनकी पार्टी आरजेडी के विधायक समेत कई लोग नाराज चल रहे थे। सत्ता से आरजेडी के हटने के बाद भी केके पाठक लगातार शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने को लेकर कदम उठाते रहे। उनके फैसलों के कारण राजभवन से भी टकराव होता रहा। फिलहाल केके पाठक का स्कूलों की टाइमिंग को लेकर बिहार सरकार से टकराव हो गया था।
बिहार से जाते-जाते केके पाठक ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों (University) के कुलपतियों की सैलरी पर रोक लगा दी। इसको लेकर शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव (Vaidhyanath Yadav) ने चिट्ठी जारी कर 28 फरवरी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने वाले विश्वविद्यालयों के अधिकारियों से जवाब मांगा है। साथ ही उन सभी के वेतन पर रोक लगा दी है।
पटना से अमित कुमार सिंह की रिपोर्ट