देवघर में शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा : गरीबी की पहचान जातिवाद से उठकर आर्थिक आधार पर मूल्यांकन की जरूरत
देवघर : नरेंद्र मोदी को भारत के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर सुमेरू पीठाधीश्वर जगतगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा की पीएम का यह कार्यकाल देशहित के साथ जनता के हित में होनी चाहिए. तीसरे कार्यकाल की शुरुआत करते ही मोदी ने 3 करोड़ आवास गरीबों को देने का वादा किया है. इस पर शंकराचार्य ने कहा कि गरीब कौन है. गरीबी की पहचान आर्थिक आधार पर मूल्यांकन कर करनी चाहिए न की जाति और वर्ण देखकर.
शंकराचार्य ने कहा कि जातिवाद से उठकर गरीबी की पहचान आर्थिक आधार पर करने से सनातनी एक होगा. तभी भारत सुरक्षित और संरक्षित रहेगा. उन्होंने कहा कि लोग जाग जाए और सचेत हो जायें तो भारत को कोई इस्लामिक शक्ति गुलाम नहीं कर सकती. शंकराचार्य ने कहा कि देश भर के अधिकांश लोकसभा क्षेत्र में सनातनी अल्पसंख्यक हो गए हैं. जरूरत है देश के किसी भी कोने से भारत को इस्लामिक देश बनाने की अगर आवाज़ उठती है तो उस आवाज़ को दबाने के साथ साथ उस पर कठोरता से पेश होना चाहिए.
फौज में गद्दारों को चिन्हित कर नार्को टेस्ट करवाकर मृत्यु दंड देने की आवश्यकता
सुमेरु पीठ काशी के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि बॉर्डर से आतंकवादी कैसे देश में प्रवेश कर जाते हैं. इस पर सरकार को गंभीरता से सोचनी चाहिए. शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि सेना में गद्दार सैनिक से लेकर अधिकारी तक है. सरकार को वैसे गद्दारों को चिह्नित कर उनका नार्को टेस्ट करवाना चाहिए. इससे गद्दार होने का सबूत भी मिल जाएगा. फिर ऐसे लोगों को मृत्युदंड देने में कोई परहेज नहीं करना चाहिए. शंकराचार्य ने कहा कि हज पर जाने वालों पर हमला नहीं होता है लेकिन वैष्णो देवी के दर्शन करने वालों पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया जाता है. शंकराचार्य ने कहा कि पहले वाला भारत नहीं है. यह 2024 का भारत है. इस्लामिक देश बनाने का जो सपना देख रहे हैं उनका सपना सपना ही रहेगा. लेकिन सभी सनातनियों को एक होने की आवश्यकता है. शंकराचार्य ने एक देश एक सामान्य नागरिक संहिता लागू करने की मांग की है.
यूपीएससी से उर्दू को हटाना और एलकेजी से इंटर तक की पढ़ाई हिंदी में लागू करना चाहिए
देश में जितने भी राजनीतिक दल हैं उनमें से अधिकांश इस्लाम को संरक्षण दे रही है. ये बातें सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने देवघर में कही है. जिला के चितरा में आयोजित नौ दिवसीय लक्ष्मी गणेश महायज्ञ में शिरकत करने पहुंचे शंकराचार्य ने आरोप लगाया है कि देश की सर्वोच्च परीक्षा यूपीएससी से उर्दू को हटा देना चाहिए. क्योंकि इस विषय से उत्तीर्ण अभ्यर्थी अपनी सेवा के दौरान इस्लाम समाज को बढ़ावा देते हैं जो हिंदुस्तान के लिए खतरा का विषय है. इसके अलावा देशहित के लिए एलकेजी से लेकर इंटर तक की पाठ्यक्रम हिंदी में करने की मांग सरकार से शंकराचार्य ने की है. इनका मानना है की हिंदी से सनातन एक होगा.