कोर्ट का बड़ा फैसला : हिट एंड रन के मामले में युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव को 8 साल की कैद, 50 हजार रुपये जुर्माना भी लगा

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चाईबासा : जिला एवं सत्र न्यायालय ने 7 ग्रामीणों को कार से कुचल कर मारने के मामले में युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव को 8 साल की कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. 5 साल पूर्व 7 लोगों की तेज गति की कार से कुचलने से मौत हो गई थी.

बताया जा रहा है कि चक्रधरपुर के बोड़दा पुल के पास सड़क किनारे आदिवासी रीत रिवाज से शादी की रस्म एरे बोंगा पूजा कर रहे 7 ग्रामीणों को तेज गति की कार से कुचल कर मार देने के मामले में युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव सौरभ अग्रवाल को हिट एंड रन की धारा के तहत जिला न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत से 8 साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई गई है.

3मार्च2018के बोड़दा गांव में दोनों पक्ष के लोग शादी के पूर्व की रश्म एरे बोंगा पूजा कर रहे थे. घटना के समय सड़क के किनारे20लोग खड़े थे. सौरभ अग्रवालने पूजा कर रहे15लोगों को कुचल दिया था. जिसमें7लोगों की मौत हो गयी थी. सोमवार को चाईबासा के जिला सत्र न्यायालय में प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट ने चक्रधरपुर के बहुचर्चित हिट एंड रन के मामले में यह बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने सौरभ अग्रवाल पर धारा304पार्ट2के तहत8साल का सजा और50जुर्माना लगाया है. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर1साल और सजा होगी.

इससे पूर्व शनिवार को न्यायलय ने हिट एंड रन मामले में सौरभ अग्रवाल को दोषी करार दिया था. कोर्ट के इस फैसले को राज्य में बढ़ रहे सड़क हादसे और लोगों की जा रही जान के परिपेक्ष्य में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. जिससे सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने वालों पर लगाम कसा जा सकेगा.

बता दें कि सौरभ अग्रवाल पश्चिम सिंहभूम जिले के बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल के बेटे हैं. सौरभ अग्रवाल बालू का कारोबारी भी है. यही नहीं सौरभ अग्रवाल खुद को हवाई जहाज का पायलट भी बताता है. निश्चित तौर पर जिला सत्र एवं प्रधान न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट से आये इस फैसले से उन गरीब परिवार के लोगों को न्याय और राहत मिला है. जिनके परिवार के लोगों को सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार से कुचल दिया था. हालांकि इस फैसले को आने में पांच साल का लम्बा वक्त लग गया लेकिन फिर से देश के कानून ने साफ़ कर दिया की न्याय के मंदिर में देर है अंधेर नहीं.


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