Bihar : CM नीतीश के बेटे निशांत ने बिहारवासियों से की खास अपील, मां की याद में हुए भावुक, विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर जानिए क्या कहा

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CM Nitish son Nishant made a special appeal to the people of Bihar CM Nitish son Nishant made a special appeal to the people of Bihar

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिवंगत पत्नी मंजू सिंह के जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके बेटे निशांत भी मौजूद थे। इस दौरान निशांत भावुक हो गए और मां की याद में भावनाओं को रोक नहीं पाए।

निशांत ने की बिहारवासियों से अपील

कशिश न्यूज़ से खास बातचीत में CM नीतीश के बेटे निशांत कुमार ने कहा कि उन्हें अपनी मां की बहुत याद आती है। बातचीत के दौरान वे भावुक हो गए और उनकी आंखों में नमी नजर आई। कशिश न्यूज़ से बात करते हुए निशांत ने बिहार की जनता से अपील की कि वे 2025 के विधानसभा चुनाव में उनके पिता नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाएं। उन्होंने कहा कि "इस बार जीत 2010 विधानसभा चुनाव से भी बड़ी होगी। बिहार को आगे बढ़ाने के लिए मेरे पिता को फिर से मुख्यमंत्री बनाना जरूरी है।"

विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर किया किनारा

जब निशांत कुमार से पूछा गया कि क्या वे खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि वे अपने पिता के समर्थन में पूरी तरह खड़े हैं और चाहते हैं कि बिहार की जनता उन्हें एक और मौका दे।

बिहार की राजनीति में हलचल तेज

फिलहाल निशांत कुमार के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्या निशांत राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे? क्या वे अपने पिता के उत्तराधिकारी बन सकते हैं? इन सवालों के जवाब तो समय ही देगा लेकिन उनकी यह अपील राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पत्नी मंजू सिन्हा का राजनीतिक जीवन से सीधा संबंध नहीं था लेकिन वे हमेशा नीतीश कुमार के लिए एक मजबूत आधार रहीं। उनकी सादगी और सहजता के कारण वे लोगों के बीच सम्मानित रही हैं। उनके निधन के बाद से हर साल उनके जन्मदिन पर नीतीश कुमार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

'राजनीति में आना स्वेच्छा पर करता है निर्भर'

इधर, नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के बयान पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि निशांत कुमार का राजनीति में आना स्वेच्छा पर निर्भर करता है। वैसे मौसी और मामा ने भी निशांत के राजनीति में आने की इच्छा जताई है। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय और BIT मेसरा से पढ़ाई की है, दिल्ली के RK पुरम से नहीं। अपने पिता के काम को याद करते हुए कार्यकर्ताओं से गांव-गांव जाकर लोगों को बताने का आह्वान किया है तो इसमें बुराई क्या है?