विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक : लॉ एंड ऑर्डर पर सीएम नीतीश की हाई लेवल मीटिंग, पढ़िये मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को क्या-क्या दिशा-निर्देश दिये
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश-
.विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न हो.
. पुलिस कर्मियों की बहाली तेजी स की जाये.
.कानून व्यवस्था को बनाये रखने क लिये पुलिस और प्रशासन मुस्तैदी से कार्य करें और अपराध नियंत्रण के लिये पूरी सख्ती से कार्रवाई करें.
. अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके।
. गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें, इसकी निरंतर निगरानी करते रहें। रात्रि और पैदल गस्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें।
. कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर होगी सख्त कार्रवाई।
. अवैध खनन को रोकने के लिये सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित की जाये.
. भूमि विवाद के निपटारे के लिये पूरी तरह सतर्क रहें। लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को
लेकर होनेवाले अपराध में कमी आये.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री को गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चैधरी ने गृह विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में तथा पुलिस महानिदेशक आर0एस0 भट्ठी ने अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। पुलिस महानिदेषक ने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके। भू समाधान पोर्टल के माध्यम से भूमि जनित मामलों का निरंतर अनुश्रवण कर समाधान किया जा रहा है, जिससे भूमि विवाद में कमी हो रही है। पहले जितनी हत्यायें होती थी, उसमें 60 प्रतिशत हत्यायें भूमि विवाद के कारण होती थी, अब यह घटकर 46.69 प्रतिशत हो गयी है. डायल 112 सेवा पूरे राज्य में 20 मिनट के अंदर लोगों को उपलब्ध होने से नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवा उपलब्ध हो रही है.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गस्ती में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें, रात्रि गस्ती और तेज करें. रात्रि एवं पैदल गस्ती को और प्रभावी बनाने के लिये वरीय पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर रात्रि में स्वयं औचक निरीक्षण करें। कानून व्यवस्था को बनाये रखने में सभी पूरी तन्मयता से काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके. कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये पुलिस और प्रशासन मुस्तैदी से कार्य करें. और अपराध नियंत्रण के लिये पूरी सख्ती से कार्रवाई करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिये विभिन्न श्रेणियों में 2 लाख 29 हजार 139 पद स्वीकृत किये जा चुके हैं. 1 लाख 6 हजार 436 पुलिस कर्मी कार्यरत हैं. शेष रिक्त पदों पर बहाली शीघ्र करें. हमने वर्ष 2013 से ही पुलिस में महिलाओं के लिये 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। अभी बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या लगभग 30 हजार हो गयी है. बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी देश में सबसे ज्यादा है. उन्होंने कहा कि पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ने से थानों में जो महिलायें शिकायते लेकर आतीं हैं, उन्हें समस्याओं के समाधान में सहूलियत हो रही है और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है. हर थाने में महिला पदाधिकारी एवं महिला पुलिस कर्मियों का पदस्थापन सुनिष्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले आगंतुकों के साथ अच्छा व्यवहार हो. उनकी बातें सुनी जाय, यह सुनिश्चित किया जाये.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती है, जो अब घट रहा है। जानकारी दी गयी है कि 46.69 प्रतिशत हो गया है. यही अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से पूर्ण हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होने वाली अपराध की घटनाओं में पूरी कमी आये. शराबबंदी के क्रियान्वयन पर विषेष नजर रखें, गड़बड़ी करने वालों को चिहि्नत कर कार्रवाई करें। इसमें जो पदाधिकारी संलिप्त हैं, उनको भी चिह्नित कर कठोर कार्रवाई सुनिष्चित करें। उन्होंने कहा कि अवैध खनन को रोकने के लिये सख्ती से कार्रवाई सुनिष्चित की जाय। उन्होंने कहा कि बिहार मे साम्प्रदायिक सद्भाव का माहौल कायम है, इसके लिये पुलिसकर्मियों ने अच्छा काम किया है.प्रशासन और पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ असामाजिक तत्वों पर नजर बनाये रखें. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, पुलिस महानिदेशक आर0एस0 भट्ठी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चैधरी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल, समेत कई अधिकारी मौजूद थे. इन लोगों के अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरीय सभी प्रमंडलीय आयुक्त समेत कई पुलिस पदाधिकारी जुड़े थे.