आरसीपी सिंह की टीम में चिराग? : इस्पात मंत्रालय की समिति में चिराग की इंट्री के क्या राजनीतिक मायने ??

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पटना। बिहार की राजनीति में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। यह बात किसी से छिपी नहीं है। उसी चिराग पासवान को नीतीश कुमार के सहयोगी और केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने इस्पात मंत्रालय के हिन्दी सलाहकार समिति में बतौर सदस्य के रुप में शामिल किया है। चिराग पासवान को अपनी टीम में शामिल किये जाने के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारों में खुसर-फुसर शुरु हो गयी है।

इस्पात मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति

इस्पात मंत्रालय ने 15 सदस्यीय समिति बनायी है उसमें, संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा लोकसभा से नामित सदस्य संजय सेठ(झारखंड) और सुनील कुमार सोनी (छत्तीसगढ) है, जबकि राज्यसभा से दिनेशचन्द्र जेमलभाई अनावाडिया (गुजरात) और नरेश गुजराल (पंजाब) को समिति का सदस्य बनाया गया है। वहीं संसदीय राजभाषा समिति की ओर चिपाग पासवान और दिनेश चन्द्र यादव को सदस्य बनाया गया है। इस्पात मंत्रालय की ओर एमएलसी डा रामवचन राय (बिहार) और जेडीयू नेता डा अमरदीप, डा रिंकू कुमारी (नई दिल्ली) और सुधीर कुमार (मध्यप3देश) को सदस्य बनाया गया है। केन्द्रीय सचिवालय हिन्दी परिषद के प्रतिनिधि के तौर पर गोपाल कृष्ण फरलिया (नई दिल्ली) और महेश वंशीधर अग्रवाल (महाराष्ट्र) को समिति सदस्य बनाया गया है।

बिहार की राजनीति में खुसर-फुसर

पिछले विधानसभा चुनाव के पहले से चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयान देना शुरु कर दिया था। चुमाव में जेडीयू को हराने में चिराग ने कोई कोर कसर भी नहीं छोडी। इसका नुकसान जेडीयू को हुआ भी। काफी संख्या में जेडीयू को चिराग पासवान की वजह से सीटें गंवानी पडी। ऐसे में चिराग पासवान की इस्पात मंत्रालय की समिति में लाया जाना. कई सवालों को खडे करता है। अगर चिराग को टीम में शामिल करना आरसीपी सिंह का खुद का फैसला है तो यह तो नीतीश कुमार के धुर विरोधी को प्रश्रय देने जैसा है। वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का मानना है कि अगर यह आरसीपी सिंह का खुद का फैसला है तो यह सीधे नीतीश कुमार आईना दिखाने जैसा है।

मोदी के हनुमान पर बीजेपी अभूी भूी मेहरबान ?

कुछ चर्चा तो यह भी है कि भले ही पशुपति पारस की एलजेपी एनडीए में शामिल है, पारस खुद केन्द्रीय मंत्री बन गए। लेकिन बीजेपी का अभी भी चिराग के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर है। और यह रामविलास पासवान की पुळ्यतिथि पर श्रद्धाजलि सभाओं में दिखा भी। दिल्ली में जब चिराग पासवान ने श्रद्धांजलि सभा की तो बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने उसमें शिरकत की। जिसमें राजनाथ सिंह और मनोहर लाल खट्टर जैसे नेता शामिल थे। पटना की भी श्रद्धांजलि सभा में बिहार बीजेपी के कई नेता शामिल हुए। चिराग पासवान का नाम भी संसदीय कार्य मंत्रालय से गया। वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय के अनुसार, बीजेपी ने पशुपति पारस को साथ में लिया, लेकिन चिराग पासवान का हाथ भी तक छोडा नहीं है। इससे साफ है कि पीएम मोदी के हनुमान चिराग को बीजेपी का वरदहस्त प्राप्त है।

बहरहाल, राजनीति है, कुछ भी संभव है।


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