बक्सर में ऐतिहासिक पंचकोशी मेले की शुरुआत : श्राप से पत्थर बनी अहिल्या को यहीं मिली थी मुक्ति...


बक्सर के अहिरौली में ऐतिहासिक पंचकोशी मेले की शुरुआत आज से हो गयी है। इस मौके पर दूर दराज से हजारो श्रद्धालु अहिरौली पहुंच कर माता अहिल्या के मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने मंदिर में दीप जलाकर सुख-समृद्धि की कामना की है।
अहिरौली स्थित माता अहिल्या का मंदिर काफी प्राचीन है। इसी जगह गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बनी अहिल्या को भगवान श्रीराम के चरण स्पर्श से मुक्ति मिली थी। मान्यता है की जब भगवन श्री राम बक्सर पहुंचे थे तब पांच जगहों पर गए थे और उन्होंने तरह तरह के पकवान और स्वादिस्ट भोजन किया था। लिहाजा प्रसाद के रूप में पहले दिन और पहले पड़ाव अहिरौली में पुआ बनता है और लोग उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है।
24 नवंबर से शुरू होकर 29 नवम्बर तक चलनेवालों पंचकोशी मेले के आखिरी दिन लिट्टी चोखा बनाया जाता है और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। बताते चले कि माता अहिल्या के दरबार मे दीया बाती पूजा अर्चना के बाद अपनी मन्नते पूरी होने पर महिला अपने सन्तान प्राप्ति के बाद अपने आँचल पर गौड़ जनजति के खास नाच खराती हैं ।