बहिष्कार करेंगे 4 लाख शिक्षक : संघ के नेता ने कहा BPSC का विज्ञापन उनके लिए रद्दी की टोकरी ,विरोध में स्कूलों की पढाई करेंगे बाधित

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BREAKING Four lakh teachers will boycott the advertisement of BPSC, the leader of the union called it a wastebasket BREAKING Four lakh teachers will boycott the advertisement of BPSC, the leader of the union called it a wastebasket

Patna:-बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने शिक्षकों के एक लाख 70 हजार 461 पदों के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है...पर इस परीक्षा का राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षक बिहष्कार करेंगे और सड़क पर उतर कर आन्दोलन करेंगे...ये दावा राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने की है.वहीं टीईटी एसटीईटी नियोजित संघ ने भी सरकार के रवैये से नराजगी जताई है.और समान काम के बदले समान वेतन के वादे से मुकरने का आरोप लगा रही है.

कशिश न्यूज से बात करते हुए माध्यमिक शिक्षक संघ के नेता शत्रुघ्न प्रसाद प्रसाद सिंह ने कहा कि बीपीएससी का यह विज्ञापन शिक्षकों के लिए रद्दी के टोकरी की तरह है. सरकार के रवैये के खिलाफ बिहार के शिक्षक पहले से ही सड़क पर उतर कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन सरकार पर इस विरोध का कोई असर नहीं पड़ा रहा है.ऐसे में शिक्षक अपना आन्दोलन तेज करेंगे.बिहार माध्यमिक शिक्षक गर्मी की छुट्टी में जन जागरण अभियान चलाएगा और सरकार के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा का घेराव होगा और सरकार अगर लाठी चलाएगी और कानून का डंडा दिखाएगी तो पठन पाठन कार्यक्रम भी हम लोग बाधित कर देंगे. हमारे लोग इसे विधानमंडल में भी उठायेंगे.इसके साथ-साथ सरकार के नई नियमावली के खिलाफ हम लोग न्यायालय भी गए हैं.

वेलोग हर हाल में बिना परीक्षा दिए सभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्ज दिला कर रहेंगे.सरकार को इस मुद्दे पर पीछे हटना ही होगा. उन्होंने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर उतर गई है. इससे शिक्षकों का कोई असर नहीं पड़ेगा.जरूरत पड़ी तो सभी 4 लाख शिक्षक पटना में प्रदर्शन करने आएंगे और सरकार को झुकना ही पड़ेगा .उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में शिक्षक बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के लिए आवेदन पत्र नहीं भरेंगे.

वहीं बीपीएससी के इस विज्ञापन से tet, stet पास नियोजित शिक्षक संघ भी नाराज़ है.संघ के प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा है कि . महागठबंधन सरकार अपने वादे से मुकर रही है. घोषणापत्र में समान काम के बदले समान वेतन की बात कही गई थी,पर अब राज्यकर्मी के मामले में फंसाया जा रहा. सरकार को पीछे हटना होगा. उनका आऩ्दोलन और तेज होगा..


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