बहाली, बवाल और सवाल : सिस्टम के ‘MERIT’ के खेल में फंसे STET उम्मीदवार? शिक्षक बहाली में विवाद क्यों होता है बार-बार?
ये दोनो तस्वीरें बिहार में शिक्षक बहाली से जुड़ी हुई हैं। एक में अभ्यर्थियों को 32 महीने के इंतजार के बाद नियुक्ति पत्र मिल रहा है और उनके चेहरे पर खुशी है। जबकि दूसरी तस्वीर में भी शिक्षक अभ्यर्थी हैं, जो STET 2019 की परीक्षा में पास हुए और सड़क पर प्रदर्शन और लाठी खाने को मजबूर है।
सवाल है कि आखिर शिक्षक बहाली में आखिर इतना झोल क्यों हो जाता है। क्यों किसी बहाली के लिए अभ्यर्थियों को बार-बार प्रदर्शन और हंगामा करना पड़ता है। आखिर STET 2019 के अभ्यर्थी क्यों सड़क पर उतरने को मजबूर हैं? इन सवालों का जवाब समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं और कैसे इन अभ्यर्थियों को अलग-अलग बयानों और बातों के ज़रिए गुमराह किया जाता रहा।
तारीख-12 मार्च 2021
STET 19के 12 विषयों का रिजल्ट जारी
पेपर 1 और 2 में24,599 अभ्यर्थी हुए सफल
37 हजार रिक्तियों के मुकाबले 24,599 सफल अभ्यर्थी
‘सभी पास अभ्यर्थियों को नौकरी का भरोसा’
STET 2019 का रिजल्ट 12 मार्च 2021 को जारी किया गया था। 15 में 12 विषयों का रिजल्ट जारी किया गया। जिसमें पेपर 1 और पेपर 2 में कुल 24,599 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए। शिक्षा मंत्री ने 37 हजार रिक्तियों के मुकाबले 24,599 अभ्यर्थियों को नौकरी का भरोसा दिया।
तारीख- 21 जून 2021
STET 19के बाकी 3 विषयों का रिजल्ट जारी
पेपर 1 और 2 में 6077 अभ्यर्थी हुए सफल
सभी 15 विषयों में कुल 30,676 अभ्यर्थी सफल
37 हजार रिक्तियों के मुकाबले 30,676 सफल अभ्यर्थी
रिजल्ट के बाद मेरिट-नॉन मेरिट को लेकर बढ़ा भ्रम
21 जून को STET के बाकी तीन विषयों के रिजल्ट भी जारी कर दिए गए। जिसमें 6077 अभ्यर्थी सफल हुए। इस तरह सभी 15 विषयों में सभी 15 विषयों में कुल 30,676 अभ्यर्थी सफल हुए। 37 हजार रिक्तियों के मुकाबले 30,676 सफल अभ्यर्थी घोषित हुए। रिजल्ट के बाद मेरिट-नॉन मेरिट को लेकर भ्रम बढ़ा।
तारीख- 29 जून 2021
मेरिट-नॉन मेरिट के मुद्दे पर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
मेरिट-नॉन मेरिट के मुद्दे पर पटना में अभ्यर्थियों ने 29 जून को प्रदर्शन किया। जिसके बाद लाठीचार्ज भी किया गया।
तारीख- 29 जून 2021
शिक्षा मंत्री का बयान
‘मेरिट-नॉन मेरिट का कोई मतलब नहीं’
शिक्षा मंत्री का यही वो बयान है, जो आज विवादों का कारण बना और हजारों छात्रों को प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ा।
तारीख- 30 जून 2021
सभी 80,402 अभ्यर्थियों को बहाली में मौका
शिक्षा मंत्री के बयान के बाद शिक्षा विभाग ने सभी 80,402 क्वालिफाइड अभ्यर्थियों को सातवें चरण की बहाली में मौका दिए जाने की बात कही है और यही विवाद की वजह बना है। छात्रों की मांग है कि अब मेरिट नॉन मेरिट का कॉलम हटाकर सीधे क्वालिफाइड का सर्टिफिकेट जारी करे, ताकि उन्हें शिक्षक बहाली में मौका मिले।
ज़ाहिर है शिक्षा मंत्री के एक गलत बयान और शिक्षा विभाग के बार-बार नीति बदलने से हजारों छात्रों में भ्रम की स्थिति है। जिस पर अब ना बिहार बोर्ड और ना शिक्षा विभाग कुछ बोलने को तैयार है। वहीं 7 वें चरण की बहाली को लेकर भी सरकार खामोश है। जिसकी वजह से बेरोजगारी का दंश झेल रहे छात्र सड़कों पर लाठियां खाने को मजबूर हैं। ये हाल तब है जब बिहार में बेरोजगारों की फौज लगातार बढ़ती जा रही है। 25 साल से कम उम्र की 57.2 फीसदी आबादी के साथ सबसे युवा राज्य बिहार में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है। बिहार में श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल में रोजगार मांगने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। इनमें सबसे अधिक 2021-22 में 2,67,635 बेरोजगारों ने रोजगार की मांग की है। अब तक 13 लाख से ज्यादा लोगों ने इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है। यानी बेरोजगारों की भरमार है, फिर भी बहाली में खेला अपरंपार है।