विदेश पहुंचेगा बिहार का लिट्टी-चोखा : लिट्टी-चोखा को जीआई टैग मिलने की तैयारी, बिहार में बढ़ेगा स्टार्टअप

Edited By:  |
Bihar's Litti-Chokha will reach abroad. Preparation to get GI tag for Litti-Chokha, startup will grow in Bihar. Bihar's Litti-Chokha will reach abroad. Preparation to get GI tag for Litti-Chokha, startup will grow in Bihar.

DESK: लिट्टी-चोखा की पहचान बिहार के नाम से होती है. लिट्टी-चोखा को बिहरा का सबसे फेमस डिश माना गया है. जिसकी पहचान केवल देश तक ही सीमित नहीं रही बल्कि विदेशों तक भी पहुंच गई है.


लिट्टी-चोखा को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय पहचान

अब बिहार की शान लिट्टी-चोखा को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने वाली है. लिट्टी-चोखा को अब जीआई टैग मिलने वाला है. जिसके लिए तैयारियां की जा रही है. भागलपुर जिले के सबौर स्थित बिहार कृषि विवि के अंतर्गत आने वाले भोजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के तरफ से पहल की गई है. जिसको लेकर भोजपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक ने बताया कि सब कुठ ठिक रहा तो बहुत जल्द ही बिहार के लिट्टी-चोखा को जीआई टैग मिल जाएगा. जिसके लिए आवेदन भी दिए जाएगा. निर्धारित प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीआई का प्रमाणपत्र मिलने के कयास है.

जीआई टैग से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

मुख्य रूप से लिट्टूी-चोखा बिहार के भोजपुर जिले का मूल व्यंजन है. लिट्टूी-चोखा ना सिर्फ भारत में बल्कि कुछ और देशों में भी लोकप्रिय है. जिआई मिलने के बाद लिट्टूी-चोखा की ब्रांडिंग देश दुनिया में होगी. साथ ही इस पहल से युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वह इस क्षेत्र से जुड़े स्टार्टअप कर सके. इससे रोजगार के भी अवसर बढ़ेगें.


जाने क्या है जीआई टैग

बता दे कि जीआई टैग एक प्रकार का चिन्ह है. जिसे विशेष भौगोलिक क्षेत्र के लोकप्रिय उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह 10 सालों तक मान्य रहता है. जीआई टैग की मदद से नकल करने वालों लोगों पर शिकंजा कसा जा सकता है. यानी जिन चीजों को जीआई टैग मिलता है. उन्हें उस भौगोलिक क्षेत्र के रहने वाले ही अधिकृत रूप में निर्माण और बेच सकते है.