मधेपुरा : एडीएम शिशिर मिश्रा को सस्पेंड किया गया, बैडमिंटन खिलाड़ी को पीटने के मामले में गंभीर कार्रवाई

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MADHEPURA : बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में बैडमिंटन खिलाड़ी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने के मामले में प्रशासन ने गंभीर कदम उठाते हुए एडीएम शिशिर मिश्रा को सस्पेंड कर दिया है। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब मीडिया में इस घटना की व्यापक रिपोर्टिंग हुई और इसे लेकर विरोध की लहर उठी। प्रशासन ने मामले की जांच के बाद एडीएम को दोषी पाया और उनकी पदावनति की कार्रवाई की है।यह घटना बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में हुई, जहां एडीएम शिशिर मिश्रा ने एक बैडमिंटन खिलाड़ी को खेल के दौरान शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। पीड़ित खिलाड़ी के अनुसार, एडीएम ने उन्हें खेल में भाग लेने के लिए मजबूर किया और जब खिलाड़ी ने एक गलत शॉट खेला, तो एडीएम मिश्रा गुस्से में आ गए। इसके बाद उन्होंने खिलाड़ी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और उनका बैडमिंटन रैकेट भी तोड़ दिया। खिलाड़ी ने आरोप लगाया कि इस दौरान उसे सिर, गर्दन और आंखों में गंभीर चोटें आईं।खिलाड़ी के अनुसार, इस घटना ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत आहत किया, और वह डरा हुआ था। इसके बाद, पीड़ित खिलाड़ी ने जिलाधिकारी तरंजोत सिंह से इंसाफ की गुहार लगाई, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच शुरू की।

घटना के बाद जिलाधिकारी तरंजोत सिंह ने तुरंत एक जांच कमिटी का गठन किया। जांच कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में एडीएम शिशिर मिश्रा को दोषी पाया, जिसके बाद जिलाधिकारी ने उन्हें उनके अतिरिक्त प्रभार से हटा दिया और विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद, राज्य सरकार ने शिशिर मिश्रा को सस्पेंड कर दिया, जो कि उनके आचरण के खिलाफ एक कड़ी कार्रवाई है।प्रशासन ने इस कार्रवाई को लेकर स्पष्ट किया कि एडीएम का व्यवहार और आचरण किसी भी सरकारी सेवक से अपेक्षित नहीं था। यह कृत्य उनकी पदीय गरिमा के विपरीत था और इसे सहन नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी सरकारी कर्मचारी का असंवैधानिक और अनुशासनहीन व्यवहार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।बिहार प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया और यह संदेश दिया कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का अनुशासनहीन व्यवहार, चाहे वह किसी भी पद पर हो, उसे सख्ती से निपटा जाएगा। प्रशासन ने यह भी कहा कि इस घटना से यह भी स्पष्ट हो गया है कि किसी भी सरकारी अधिकारी को अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं होता, और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते हुए नागरिकों के साथ सम्मानजनक और न्यायपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

पीड़ित बैडमिंटन खिलाड़ी के अनुसार, वह घटना के बाद मानसिक रूप से बहुत परेशान था और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित था। खिलाड़ी ने जिलाधिकारी से इंसाफ की गुहार लगाई और प्रशासन ने उसकी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की। खिलाड़ी ने बताया कि वह इस घटना के बाद बेहद डरा हुआ था, लेकिन प्रशासन की कार्रवाई से उसे राहत मिली है।इस घटना के बाद, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस प्रकार के घटनाओं को टालने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यों के प्रति ज्यादा जिम्मेदार और संवेदनशील रहने की चेतावनी दी जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि किसी भी नागरिक के साथ सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों द्वारा इस प्रकार की हिंसा या दुर्व्यवहार न हो।मधेपुरा में एडीएम शिशिर मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई यह दर्शाती है कि प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस मामले में सख्त कदम उठाए हैं। यह घटना यह भी बताती है कि सरकारी अधिकारियों के आचरण को लेकर समाज में बढ़ती जागरूकता के कारण अब ऐसे मामलों में शीघ्र और सख्त कार्रवाई की जाती है। इस प्रकार की घटनाओं से यह संदेश मिलता है कि सरकार और प्रशासन अपने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और हर नागरिक को न्याय मिलेगा।