BIHAR NEWS : काम नहीं तो जवाबदेही तय, मनरेगा पर मंत्री श्रवण कुमार का बड़ा फैसला

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पटना : वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य में ऐसे लगभग 13 हजार श्रमिक हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत रोजगार की मांग की, लेकिन अब तक उन्हें काम उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. ग्रामीण विकास एवं परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि जिन ग्राम पंचायतों के अंतर्गत ये श्रमिक आते हैं, वहां तीन दिनों के भीतर ऑफर लेटर जारी कर उन्हें हर हाल में काम पर लगाया जाए.

मंत्री ने यह निर्देश सिंचाई भवन के अधिवेशन सभागार में आयोजित ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दे रहे थे. बैठक में मनरेगा, जीविका, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान (एलएसबीए), प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री आवास योजना सहित अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई.

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएं सीधे तौर पर गरीबों से जुड़ी है और राज्य के लोग इन योजनाओं पर भरोसा करते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लक्ष्य बिहार को देश के शीर्ष पांच राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है,जिसे हासिल करने के लिए ग्रामीण विकास योजनाओं का प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन आवश्यक है.

प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान मंत्री ने बताया कि वर्ष 2016-17 से 2025-26 के बीच राज्य को 49 लाख 30 हजार से अधिक आवासों का लक्ष्य मिला है,जिसमें से अब तक 39 लाख 36 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराए जा चुके हैं. हालांकि,करीब पांच से छह हजार ऐसे लाभुक हैं,जिन्होंने आवास निर्माण पूरा कर लिया है,लेकिन उन्हें अब तक तृतीय किस्त का भुगतान नहीं हो सका है. मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को वित्तीय वर्ष के भीतर भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि तृतीय किस्त जारी होने के बावजूद वर्ष 2021-22 में 1,562,वर्ष 2024-25 में 5,993 और वर्ष 2025-26 में 458 लाभुकों ने अब तक आवास निर्माण पूरा नहीं किया है. ऐसे मामलों की जांच कर शीघ्र निर्माण पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री आवास ग्रामीण योजना के तहत भी 6,800 ऐसे मामले सामने आए हैं,जहां तृतीय किस्त मिलने के बाद भी आवास अधूरे हैं. मंत्री ने नए साल से पहले इन मामलों में प्रक्रिया शुरू करने को कहा.

बैठक में जीविका,मनरेगा,एलएसबीए,पीएम-सीएम आवास योजना और जल-जीवन हरियाली जैसी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई. इस अवसर पर जीविका के सीईओ हिमांशु शर्मा,मनरेगा आयुक्त अभिलाषा कुमारी सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.

मंत्री ने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की गई है. जीविका के माध्यम से बिहार देश में अग्रणी राज्य है,जिससे डेढ़ करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं.

हर सोमवार होगी समीक्षा बैठक

बैठक में विभागीय सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि पहले की तरह अब पुनः साप्ताहिक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसकी शुरुआत आगामी सोमवार से होगी. उन्होंने सभी नए उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को योजनाओं का गहन अध्ययन करने का निर्देश दिया. साथ ही डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण कार्य में लगे स्वच्छता कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिलने पर चिंता जताई.