Bihar News : भाजपा OBC मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य अर्चना रॉय भट्ट ने पार्टी से दिया इस्तीफा
पटना: भारतीय जनता पार्टी की ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य अर्चना रॉय भट्ट ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दी है.
उन्होंने लिखा है किमैं अर्चना रॉय भट्ट भारतीय जनता पार्टी की ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के रूप में पिछले तीन वर्षों से इस पद पर अपने दायित्व का निर्वहन कर रही थी.किंतु लगातार उपेक्षा की शिकार होने के कारण पार्टी से खुद को अलग करने का फैसला कर आज पार्टी से इस्तीफा दे दी हूं.
पिछले दो दशकों से पार्टी के लिए कई पदों का निर्वहन करती आ रही हुँ,परन्तु पिछले कुछ समय से बिहार इकाई के द्वारा उपेक्षा से त्रस्त होकर मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है.
बिहार भाजपा के द्वारा लगातार मेरी जाति के संख्या बल को अक्सर निशाना बनाया जाता रहा है. मैं भट्ट समाज से आती हूं जो ओबीसी वर्ग में है. अक्सर इस समाज के लोगों को मुख्य धारा से काटे रखा गया,यहाँ तक कि संगठन के अंदर सामाजिक समीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार में जितनी पिछड़ी जाति है उसकी बैठक की जाती है. हर समाज के प्रत्येक जिले से प्रत्येक मुख्य सामाजिक व्यक्ति को उस बैठक में बुलाया जाता है. लेकिन मेरे बोलने के बावजूद हमारे भाट/ भट्ट समाज की बैठक नहीं बुलाई जाती है,ना ही हमारे समाज के लोगों के उत्थान के बारे मे सोचा जाता है. भाजपा अंत्योदय सिद्धांत पे कार्य करने का दम्भ भरती है जो बिहार के संगठन में दूर दूर तक दिखता प्रतीत नहीं होता है. किसी जाति विशेष से इतनी नफ़रत,इतनी उपेक्षा समझ से परे है. जबकि अगर हम अपने सुजाति की जनसंख्या की बात करें तो पूरे बिहार में 10 लाख से ज्यादा है कम नहीं.
दो दशक से पार्टी के लिए जी जान लगा कर रात दिन समर्पित भाव से जुड़ी रही,कई उतराव चढ़ाव देखी लेकिन पिछले कुछ वक्त से पार्टी के अंदर गुटबाजी और चाटुकारिता से घुटन महसूस हो रही थी.
केन्द्रीय नेतृत्व के द्वारा अथक प्रयास के बावजूद स्थानीय इकाई के चाल चरित्र में कोई बदलाव नहीं आता देख आज पार्टी से नाता तोड़ना ही उचित प्रतीत हुआ.
प्रधानमंत्री जी से 2015 में चंद पल में पिता के रूप में मिला स्नेह था जिसके कारण आज तक पार्टी के साथ हर उपेक्षा के बावजूद खड़ी रही. किंतु पिछले कुछ समय से अपनी परिस्थितियों को प्रस्तुत करने के लिए हर सम्भव प्रयास की किंतु पार्टी के बिहार इकाई के पास किसी के पास चंद पल का वक्त नहीं था की मेरी बातों को सुनें.
पिछले कई दिनों से संगठन के शीर्ष नेतृत्व आदरणीय संगठन मंत्री भीखु भाई दलसानिया जी से एवं अध्यक्ष डॉक्टर दिलीप जायसवाल जी से मिलकर प्रथम बात करना चाह रही थी इस्तीफे के पहले परन्तु किन्ही का अपॉइंमेंट नहीं मिल पाया. अतः दोनों शीर्ष नेतृत्व की अनुपस्थिति में मैंने कार्यालय प्रभारी सुरेन्द्रनाथ तिवारी जी को अपना इस्तीफा सौंपा.
बिहार इकाई के द्वारा महिलाओं के प्रति व्यवहार इतना निम्न स्तर का होगा यह अकल्पनीय है.
ऐसे में संस्था के साथ जुड़े रहना खुद को प्रताड़ित करने से कम नहीं है. बहुत दुःखी मन से आज पार्टी से अलग होने का फैसला की जो मेरे लिए भी आसान नहीं है. परंतु स्वाभिमान बचा रहे यही मेरे लिए बहुत है.