BIHAR NEWS : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार 11 मुस्लिम चुने गए विधायक, 5 एमएलए बहुसंख्यक बहुल सीटों पर जीते चुनाव

Edited By:  |
bihar news bihar news

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में अबकी बार मात्र 11 मुस्लिम विधायक चुन कर आए हैं. इनमें पांच ऐसे विधायक हैं जो बहुसंख्यक बहुल सीटों पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. इनके बारे में चर्चा नहीं हो रही है. या फिर कहें 18-82% का झुनझुना बजाने वाले सियासी मुसलमानों के लिए रिसर्च का टॉपिक नहीं है. आइए उन सीटों के बारे में जानते हैं.

रोहतास के चैनपुर विधानसभा सीट से राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खां तीसरी बार चुनाव जीते हैं. चैनपुर बहुसंख्यक बहुल विधानसभा सीट है. यहां पर सिर्फ 10 फीसदी अल्पसंख्यक आबादी है. जमा खां ने आरजेडी के ब्रिज किशोर बिंद को हराया है. चुनाव से पहले असदुद्दीन औवेसी की पार्टी#AIMIMके समर्थकों ने जमा खां का जमकर विरोध किया था और काले झंडे भी जहां तहां उन्हें दिखाते रहते थे. लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा ये इलाका जमा खां के कार्यकाल में विकास के मामले में काफी आगे निकल चुका है. जिसका उन्हें जनता ने इनाम दिया है.

सीवान का रघुनाथपुर सीट बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का हॉट सीट रहा है. यहां से मरहूम सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब चुनाव जीते हैं. ये भी बहुसंख्यक बहुल सीट है. जहां पर अल्पसंख्यक आबादी मात्र 17 फीसदी है. इसके बावजूद जनता ने ओसामा शहाब को मौका दिया. यही वो सीट है जिसे पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का गढ़ भी माना जाता है.

मोतिहारी के ढाका सीट बिहार विधानसभा चुनाव में चर्चित सीटों में से रही है. दरअसल,इस सीट पर आरजेडी उम्मीदवार फैसल रहमान ने मात्र 178 वोटों से जीत दर्ज की है. इसके अलावा असदउद्दीन औवेसी ने इस सीट पर जमकर चुनाव प्रचार किए थे. अपने उम्मीदवार राणा रंजीत के लिए कई दफा हेलीकॉप्टर उतारे थे. ढाका विधानसभा सीट बहुसंख्यक बहुल सीट है. यहां पर अल्पसंख्यक आबादी 32 फीसदी है. लेकिन हर चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करती है. 2020 विधानसभा चुनाव में इस सीट से बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.

मधुबनी का बिस्फी सीट भी चर्चित सीटों में एक है. दरअसल,पूरे बिहार में एनडीए की लहर में इस सीट से बीजेपी के कट्टर उम्मीदवार हरिभूषण ठाकुर चुनाव हार गए हैं. आरजेडी उम्मीदवार आसिफ अहमद ने उन्हें हराया है. ये सीट भी बहुसंख्यक बहुल है. यहां पर अल्पसंख्यक आबादी 40 फीसदी के करीब है. ये सीट उन लोगों के नजीर है. जो धर्म और जाति के आधार पर ही चुनाव को देखते हैं.

अररिया सदर विधानसभा सीट भी चर्चित सीटों में शामिल है. जहां पर अल्पसंख्यक आबादी मात्र 32 फीसदी है. लेकिन बहुसंख्यक बहुल इस सीट पर बैक टू बैक कांग्रेस उम्मीदवार आबिदुर्रह्मान तीसरी बार चुनाव जीते हैं. जबकि फारबिसगंज और पूर्णिया में पीएम मोदी चुनाव प्रचार में उतरे थे. वहीं 18- 82% का फार्मूला देने वालेAIMIMनेता असदुद्दीन औवेसी ने इस सीट पर कई दफा हेलिकॉप्टर उतारे थे. फिर भी बहुसंख्यक आबादी ने आबिदुर्रह्मान पर विश्वास जताया.