Bihar News : पर्यटन हब बनेगा बिहार, पर्यटकीय सुविधाओं के विकास से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
पटना : बिहार के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के विकास को लेकर नीतीश सरकार कार्ययोजना बनाकर काम कर रही है. मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं के अनुसार पर्यटन स्थलों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए भी बजट की स्वीकृति दी गई है. इस वर्ष धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन के विकास पर 3,887.29 करोड़ खर्च करने की योजना है. इन योजनाओं से बिहार के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, निवेश में वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही पर्यटकों के लिए शानदार सुविधाएं उपलब्ध होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे.
पर्यटन विभाग के बजट में रिकॉर्ड वृद्धि
राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर सरकार लगातार कार्य कर रही है. राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग के बजट में इस वित्तीय वर्ष करीब ढाई गुना की वृद्धि की है. पर्यटन विभाग का बजट वर्ष 2024-25 में 462.44 करोड़ रुपये था, जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 1,103 करोड़ से अधिक कर दिया गया है. इस राशि का इस्तेमाल धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास, इको-टूरिज्म एवं पर्यटकीय सुविधाओं के विस्तार को लेकर होटल निर्माण आदि पर किया जाएगा.
पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
बिहार सरकार की पर्यटन संबंधी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास के कारण राज्य में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. हाल के वर्षों में बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. बिहार में साल 2024 में लगभग 6.60 करोड़ से अधिक पर्यटक आए. इनमें भारतीय पर्यटकों की संख्या लगभग 6.50 करोड़ और विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 7.30 लाख रही है. बिहार आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पर्यटन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023 में 5 लाख 46 हजार विदेशी पर्यटक बिहार आए थे. अगले साल 2024 में यह संख्या बढ़कर 7 लाख 30 हजार हो गई. विदेशी सैलानियों की पहली पसंद बोधगया, राजगीर, नालंदा, गया, पटना, नालंदा और वैशाली बनी हुई है. वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा बोधगया का भ्रमण करने 1.12 लाख विदेशी पहुंचे. वहीं, राजगीर में करीब एक लाख, गया में 97 हजार, वैशाली में 81,903, नालंदा में 73,352 सोनपुर में 62,781 जबकि राजधानी पटना में 23,241 विदेशी आए.
विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए राशि मंजूर
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलों के विभिन्न धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के विकास को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी. बिहार को पर्यटन हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण उन सभी योजनाओं की स्वीकृति कैबिनेट से मिल चुकी है. इन योजनाओं के क्रियान्वित होने से आने वाले दिनों में बिहार पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाई को छुएगा जिसका फायदा बिहार के विकास में मिलेगा. प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थान को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री की घोषणा के आलोक में मधेपुरा जिला के सिंहेश्वर स्थान को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने हेतु कैबिनेट ने प्राक्कलित राशि 90 करोड़ 27 लाख 13 हजार रुपये की स्वीकृति दी है. इस राशि से सिंहेश्वर स्थान का विकास किया जायेगा. इसी तरह पूर्णिया जिलान्तर्गत पूरन देवी मंदिर को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने हेतु प्राक्कलित राशि 34 करोड़ 08 लाख 10 हजार रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. इसके साथ ही मधुबनी जिलान्तर्गत फुलहर स्थान, हरलाखी को पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकसित करने हेतु प्राक्कलित राशि 31 करोड़ 13 लाख 55 हजार रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है.
प्रगति यात्रा के दौरान की गई घोषणा के क्रियान्वयन के क्रम में पूर्वी चम्पारण जिलान्तर्गत सोमेश्वरनाथ मंदिर, अरेराज में पर्यटकीय विकास कार्य हेतु प्राक्कलित राशि 54 करोड़ 22 लाख 60 हजार 3 सौ रूपये की मंजूरी दी गई है. इसके साथ ही दो पुल निर्माण हेतु प्राक्कलित राशि 15 करोड़ 79 लाख 58 हजार रूपये के साथ कुल राशि 70 करोड़ 2 लाख 18 हजार 3 सौ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. इसी तरह समस्तीपुर जिलान्तर्गत मुक्तापुर मोईन झील के झील-तट का पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकास हेतु प्राक्कलित राशि 37 करोड़ 96 लाख 93 हजार एक सौ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
प्रगति यात्रा के दौरान की गयी घोषणा के आलोक में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर सोनपुर अवस्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु मुख्य परामर्शी के रूप में एच०सी०पी० डिजाईन प्लानिंग एण्ड मैनेजमेंट प्राईवेट लिमिटेड,अहमदाबाद का मनोनयन के आधार पर चयन एवं इस कार्य हेतु होने वाले व्यय के वहन की स्वीकृति दी गई है. इसी तरह दरभंगा जिलान्तर्गत कुशेश्वर स्थान के विकास हेतु प्राक्कलित राशि44करोड़3लाख26हजार रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
इसके साथ ही मुंगेर के ऋषि कुंड को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इस योजना की अनुमानित लागत21करोड़10लाख रुपये से अधिक है. शेखपुरा के बरबीघा में सामस विष्णुधाम मंदिर क्षेत्र को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इस योजना की अनुमानित लागत करीब14करोड़99लाख रुपये होगी. भोजपुर के तरारी प्रखंड अंतर्गत देव गांव स्थित सूर्य मंदिर परिसर को14करोड़78लाख88हजार रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किया जाएगा.
इसी तरह पटना साहिब स्थित मंगल तालाब को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए14करोड़05लाख37हजार रुपये की अनुमानित लागत को मंजूरी दी गई है. पटना के बाढ़ स्थित उमानाथ मंदिर परिसर में पर्यटक सुविधाओं का विकास किया जाएगा. इसकी अनुमानित लागत13करोड़89लाख79हजार रुपये होगी. पटना जिले के दुल्हिन बाजार स्थित उलार सूर्य मंदिर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इस पर14करोड़98लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.
जमुई के पतनेश्वर धाम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा. इसके लिए9करोड़89लाख30हजार रुपए खर्च किए जाएंगे. लखीसराय के सतसंडा पहाड़ी पर पर्यटक सुविधाओं के विकास के लिए अनुमानित लागत6करोड़83लाख10हजार रुपए होगी.
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
पर्यटन उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि यह रोजगार सृजन में भी एक केंद्रीय भूमिका निभाता है. इन योजनाओं के क्रियान्वित होने से राज्य के पर्यटक स्थलों का विकास होगा. पर्यटकीय सुविधाओं के विकास होने से इन पर्यटन स्थलों पर बड़ी तादाद में पर्यटक आयेंगे. इसका बिहार की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
पटना से राजीव रंजन की रिपोर्ट---