बेटी के प्रति कब बदलेगी मानसिकता! : बगहा में लगातार चौथी बेटी पैदा होने से नाराज एक सख्स ने तालाब में कूदकर खुदकुशी की कोशिश की
BAGHA:-_बेटी लक्ष्मी होती है..बेटी और बेटा में कोई अंतर नहीं हैं..बेटी पढाओं बेटी बचाओं जैसे कई स्लोगन हमें अक्सर सुनने को मिलतें हैं।बेटी के प्रति दोयम दर्जे के मानसिकता कोो खत्म करने को लेकर सरकार और गैर सरकारी स्तर पर लगातार काम हो रहें हैं पर अभी भी हमारे संमाज मे कई ऐसी घटनायें हो रही है जो हमारे कुत्सित मानसिकता को दर्शाता है।बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है।
यहां के अनुमंडलीय अस्पताल में एक महिला ने चौथी बेटी को जन्म दिया है।बच्ची के जन्न लेने पर अस्पताल कर्मियों ने उसके पति को लक्ष्मी के पैदा होने की खुशखबरी दी..इस बेटी के पैदा होने की सूचना उसका पिता खुश होने के बाजय गुस्से से लाल हो गया और सीधे तालाब में कूदकर जान देने की कोशिश की पर मौके पर मौजुद स्थानीय लोोगं ने उसे बचा लिया।
दरअसल महिला की तीन बेटी पहले से है और इस बार उसके पति ने एक बेटे के जन्म लेने की आश लगाई थी परज्योहीं उसे चौथी बेटी के पैदा होने की सूचना मिली थो वह आपे से बाहर हो गया और खुदकुशी करने के ख्याल से तालाब में कूद गया पर स्थानीय लोोगों ने उसे बचा लिया। उस सख्स ने नवजात बेटी के साथ ही अपनी पत्नी को घर ले जाने से मना कर दिया।इस बीच करीब 12 घंटा तक महिला अपने पति का इंतजार अस्पताल में करती रही।
मामले की सूचना मिलने पर अस्पताल प्रबंधन ने सख्ती दिखाई जिसके बाद महिला की सास अस्पताल पहुंचकर अपनी पोती के साथ बहु को घर लेकर गई। इस दौरान महिला ने परिजनों को भरोसा दिया कि वह खुद कमाकर अपनी बेटी का भरण पोषण करेगी। अस्पताल में पीड़िता के साथ आई आशा कर्मी पुष्पा देवी का कहना है कि जब उसने नवजात बच्ची के जन्म की सूचना बच्ची के पिता प्रदीप सहनी को दी, तो वह गांव के तालाब में जाकर कूद गया और आत्महत्या करने की कोशिश की. हालांकि स्थानीय लोगों ने उसे बचा लिया है. उन्होंने बताया कि महिला का पति बार-बार यह धमकी देता रहा कि है कि यदि बच्ची घर आ गई तो उसे जान से मार देंगे.