आरोप-प्रत्यारोप : उपेन्द्र के बाद फुलपरास के पूर्व विधायक ने NITISH और उनके मंत्रियों के खिलाफ खोला मोर्चा...
Madhubani:- एक तरफ JDU के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा सीएम नीतीश और पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं..वहीं दूसरी ओर अब मधुबनी जिले के फुलपरास के पूर्व JDU विधायक गुलजार देवी के पति सह पूर्व विधायक देवनाथ यादव ने सीएम नीतीश के साथ ही उनके मंत्री संजय झा व शिला मंडल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
मीडिया से बात करते हुए पूर्व विधायक देवनाथ यादव ने कहा कि वर्तमान राजनीति बिल्कुल ही दिशाविहीन हो चुकी है। जिसका कारण है कि नेतागण अपनी मर्यादा, सिद्धांत और वसूल को भूलाते जा रहे हैं। उन्होंने भूतपूर्व प्रधानमंत्री सह कांग्रेस लीडर इंदिरा गांधी और देवकांत बरुआ का उदाहरण देते हुए कहा कि अब बिहार की राजनीति में भी चमचागिरी सर चढ़ का बोलने लगा है।
फुलपरास विधानसभा क्षेत्र के विधायक सह बिहार सरकार में परिवहन मंत्री शीला मंडल पर निशाना साधते हुए देवनाथ ने कहा कि वो धन्ना सेठ हैं। उनके गांव बेल्हा सहित आसपास में जो जमीन बिक्री होती है वह जमीन सिर्फ फुलपरास विधायक ही खरीद सकते हैं, दूसरा कोई नहीं। पूर्व विधायक देवनाथ यादव यहीं नहीं रुके उन्होंने बिहार सरकार के एक और मंत्री संजय झा पर निशाना साधा और कहा कि एक अरब से ज्यादा की राशि सिर्फ एक गांव अड़रिया संग्राम के विकास पर खर्च कर दिया गया। जिसकी जांच सीबीआई से करवाने की मांग उन्होंने की।
पूर्व विधायक देवनाथ यादव ने ने फुलपरास विधानसभा क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं की चर्चा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद इन दो सालों में विकास की गति एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकी है। मधेपुर से बाथ होते हुए तरडीहा जाने वाली सड़क हो या फिर अन्य ग्रामीण सड़कें हों, मरम्मती के अभाव में चलने लायक नहीं है। सड़क ही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी पिछले दो सालों में मौजूदा सरकार के विधायक द्वारा कोई भी विकासात्मक कार्य नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। लक्ष्मीपुर चौक स्थित सार्वजनिक सुलभ शौचालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की अतिक्रमित रहने और आम उपयोग में नहीं रहने पर उन्होंने स्थानीय प्रशासन की शिथिलता को लेकर खेद प्रकट करते हुए बताया कि तत्कालीन विधायक गुलजार देवी के निजी सहयोग और प्रखंड पंचायत समिति मद से सुलभ शौचालय का जीर्णोद्धार किया गया था। उसे अतिक्रमण मुक्त करते हुए पुनः उपयोग में लाने की मांग उन्होंने स्थानीय प्रशासन से की।