मां- - ओ - -मेरी मां- -मैं तेरा लाडला : मां के निधन के बाद बेटे ने भी त्यागा प्राण..एक ही चिता पर अंतिम संस्कार..

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After the death of the mother, the son also gave up his life.. Last rites on the same funeral pyre.. After the death of the mother, the son also gave up his life.. Last rites on the same funeral pyre..

Desk:-खबर बिहार के बगहा से है..जहां मां की मौत की खबर सुन बेटे का भी दम निकल गया..और लोगो को पता तब चला जब मां की अर्थी को कंधा देने के लिए बेटे को चारपाई से उठाया जाने लगा....

मिली जानकारी के अनुसार बगहा अनुमंडल के चौतरवा थाना क्षेत्र स्थित सीतापार गांव के मां-बेटे की मौत की खबर पूरे इलाके में चर्चा का बिषय बना हुआ है..इस घर में सौ साल से ज्यादा उम्र की बेला देवी अपने 77 साल के बेटे पारस पंडित के साथ रहती थी..दोनो ही एक-दूसरे का सहारा थे,क्योंकि पारस की एकलौती बेटी का धूमधाम से शादी के कुछ दिन बाद निधन हो गया था...वहीं कुछ दिन पहले पारस के पत्नी की भी मौत हो गयी थी..उसके बाद दोनो मां बेटे एक साथ रहते थे.इस बीच मां बेला देवी की मौत हो गयी..मां की मौत की खबर सुनकर बेटा पारस रोते हुए चारपाई पर लेट गया...उसे लेटा हुआ समझकर परिवार के अन्य सदस्य और ग्रामीण बेला देवी के लिए अर्थी तैयार करने लगे ..अर्थी तैयारी होने पर उसे कंधा देने के लिए पारस को चारपाई से उठाने के लिए गए...तो पारस के शरीर में कोई एक्टिविटी ही नहीं थी,यानी मां की निधन के कुछ देर बाद ही बेटे की भी मौत हो गयी..

मां के साथ बेटे की निधन की खबर से गांव मे सनसनी फैल गई.ग्रामीणों ने फिर से दूसरी अर्थी तैयार की और दोनो मां-बेटे की शव यात्र- साथ साथ निकली..दोनो को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया.


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