JHARKHAND NEWS : आखिर कौन बचा रहा है उपेंद्र शर्मा के शिल्पी कंस्ट्रक्शन कंपनी को ?

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After all, who is saving Upendra Sharma's Shilpi Construction Company? After all, who is saving Upendra Sharma's Shilpi Construction Company?

रांची:झारखंड के पेयजल और स्वच्छता विभाग में कौन ऐसा शख्स है, जो गिरिडीह के सिरसिया की कंपनी शिल्पी कंस्ट्रक्शन को बचा रहा है. उपेंद्र शर्मा इस फर्म के मालिक हैं. बताया जाता है कि विभागीय सचिव राजेश शर्मा से भी उपेंद्र शर्मा सजातीय होने की दलीलें देकर कंपनी को डीबार करने अथवा काली सूची में डालने की प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं. इन्हें रांची पश्चिम प्रमंडल की तरफ से 2018-19 में एसबीडी-04 / 2018-19 के माध्यम से टाटीसिलवे-महिलौंग ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्यादेश दिया गया था. योजना पांच साल बाद भी पूरी नहीं हुई है. तत्कालीन अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा ने इस कंपनी को चार बार एक्सटेंशन दिया. फिर भी 25 करोड़ की योजना पूरी नहीं हुई. योजना में 90 फीसदी से अधिक राशि उपेंद्र शर्मा ने सरकार से ले ली है. अब बची हुई एक करोड़ और क्लेम (क्षतिपूर्ति) की दो करोड़ रुपये राशि मांगी गयी है.

शनिवार 29 जून को रांची पश्चिम प्रमंडल में कंपनी के पदाधिकारियों को बुलाया गया था

29 जून को एसबीडी-04 / 2018-19 विखंडित (समाप्त) करने के सिलसिले में रांची पश्चिम प्रमंडल में शिल्पी कंस्ट्रक्शन के मालिक और उनके प्रतिनिधियों को बुलाया गया था. पर रांची पश्चिम प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता आनंद सिंह ने बताया कि विभाग चाहती है कि शिल्पी कंस्ट्रक्शन ने जितना काम किया है, उसका मेजरमेंट होने के बाद भुगतान हो. विभाग के पास यह परेशानी आ रही है कि योजना में 90 फीसदी वर्क डन का दावा किया जा रहा है. ऐसे में 10 फीसदी बचे हुए काम के लिए निविदा निकालने में तकनीकी रूप से परेशानी हो सकती है. सूत्रों का कहना है कि इन्हीं सब बातों को देखते हुए उपेंद्र शर्मा ने यह शर्त रखी है कि सरकार हमें एक करोड़ रुपये बची हुई राशि और क्षतिपूर्ति भुगतान दो करोड़ दे, हम योजना पूरा कर देंगे. पर बात कुछ और ही है.

बाजार में यह बातें सामने आ रही है कि तीन करोड़ का भुगतान यदि कंपनी की तरफ से बतौर लायजनिंग फीस के रुप में दी जाती है, तो ऊपर से लेकर नीचे तक यानी इंजीनियर इन चीफ से लेकर जूनियर इंजीनियर तक ने एक मोटी रकम की मांग कंपनी को रीसाइंड करने से बचाने के बाबत की है, विभागीय सूत्रों का कहना है कि डील के बाबत शिल्पी कंस्ट्रक्शन को बचा लिये जाने के एवज में भारी-भरकम रकम ली जायेगी. इस तरह 100 करोड़ से अधिक की योजना पर काम कर रहे शिल्पी कंस्ट्रक्शन को कुछ नहीं होगा. फिलहाल लॉबी रीसाइंड करने की प्रक्रिया को शिथिल कर दिया गया है