बाढ़ आने से पहले दहशत में लोग : बिहार का एक गांव जिससे तबाह होते हैं 5 जिले के लोग, जानिये पूरा मामला

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A village in Bihar which destroys people of 5 districts A village in Bihar which destroys people of 5 districts

बिहार का एक रहस्यमय गांव जिस गांव से पांच जिले के लोग हर साल बाढ़ से तबाह हो जाते हैं। हर साल‌ लोगों को बाढ़ से विभिष्का झेलनी पड़ती है। यह बात जानकर शायद आपको हैरानी होगी लेकिन यह बात सच है। मुजफ्फरपुर के अगहरी में अधुरे परियोजना बांध को लेकर वर्षों से लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। जहां पिछले 14 वर्ष से पुनर्वास को लेकर ग्रामीणों ने रोक लगा दी है। विरोध करना शुरू कर दिया है। जिससे इस साल भी मुजफ्फरपुर के गांव से सीतामढ़ी समस्तीपुर दरभंगा और मधुबनी इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश करेगा। बाढ़ आने से पहले लोग दहशत में है।

आपको बता दें 1978 में इस बांध परियोजना की शुरुआत हुई। जमीन को उपजाऊ बनाने को लेकर यह परियोजना का निर्माण शुरू की गई। इसकी शुरूआत शिवहर के डुबा घाट से हुआ । लेकिन दरभंगा के हायाघाट पहुंचने से पहले कटरा के अगहरी में पुर्नवास को लेकर ग्रामीणों ने रोक लगा दी। पुनर्वास को लेकर पिछले 14 वर्ष से कार्य अधूरा है। बैलगाड़ी की रफ्तार से कार्य हो रहा है। 21 गांव के लोगों को पुनर्वास की राशि नहीं मिल सकी है। आज भी दो बांध के बीच लोग जीवन बसर करते हैं।

वही ग्रामीण वीर विक्रम सिंह बताते हैं. विरोध करना इसलिए शुरू किए है। मुआवजा राशि के भुकतान अभी तक नहीं मिला है। दो बागमती परियोजना के अंदर में 21 गांव है। जिस जमीन में आगे बांध बनना है। इसलिए लोग बांध का विरोध करते है। इस कारण से बांध अंदर के लोगो और बाहर के लोगो को परेशानी झेलनी पड़ती है। हमलोग मांग है की कैंप लगा कर मुआवजा भुकतान किया जाए। नही होने पर आगे भी कार्य बाधित रहेगा। अगर मुआवजा भुगतान नही होता है तो इस साल ही अगले साल ही नहीं मुजफ्फरपुर के अलावा कई ज़िले के लोग तबाह हो जाएंगे।

वहीं इस मामले पर जिला अधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया की बागमती के तटबंधन का निर्माण कार्य जो कई सालो से चल रहा है। काम को कुछ आगे भी बढ़ाया है।लेकिन इसमें कुछ गांव की पुनर्वास करना है। जिसको हम लोग ले रहे हैं इसमें कुछ समय लगेगा। बात से पहले बड़े स्तर काम नहीं हो पाएगा। जो पुनर्वास का कार्य है उसको दूर करने लगे हुए है। इस साल बाढ़ में लोगो को नुकसान उठाना पड़ सकता है।