लालू के बिना तेज-तेजस्वी हैं जीरो-सुशील मोदी

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पैसे लेकर टिकट नहीं देने के मुद्दे पर सुशील मोदी ने तेजस्वी पर साधा निशाना

PATNA:-

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पर जमकर निशाना साधा है।तेजस्वी पर पैसे लेकर टिकट ना देने को लेकर हुए एफआईआर के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुशील मोदी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है,बल्कि यह उनके काम करने की संस्कृति है।पैसे लेकर टिकट देना, मंत्री बनाना और किसी तरह का अन्य काम करना ...

सुशील मोदी ने कहा कि पैसे लेकर काम करने का लालू परिवार का कई उदाहरण है।बक्सर एवं भागलपुर के कुछ व्यक्तियों ने पैसे लेकर टिकट न देने का आरोप राजद पर लगाया है और इसकी शिकायत उनसे भी की है।

वहीं लालू परिवार परिवार निशाना साधते हुए कहा सुशील मोदी ने कहा कि लालू की तरह ही तेजस्वी भी पैसा लेकर काम कर रहें हैं। राजद में राज्यसभा के सांसद हो या एमएलसी सभी वैसे लोग हैं जिन्होंने पैसे देकर सीट लिया है। शराब माफिया बालू,माफिया और बड़े-बड़े कांट्रेक्टर भी उनके एमएलसी हैं।पैसा देने वाला ही एमएलसी बन सकता है राजद का कोई कार्यकर्ता नहीं।लालू प्रसाद के बिना तेजप्रताप और तेजस्वी की औकात जीरो के बराबर है।

इससे पहले भागलपुर से पटना जाने के क्रम में नवगछिया स्टेशन पर पहुंचे सुशील मोदी ने कहा था कि अगर बिहार का कोई भी क्षेत्र जिला बनेगा तो पहला नंबर नवगछिया का ही होगा.सके साथ ही भागलपुर में हवाई सेवा बहाल करने के लिए पहल करने का आश्वासन स्थानीय भाजपा नेता को दिया था।सुशील मोदी दिवंगत भाजपा नेता सत्येंद्र नारायण चौधरी के नवगछिया स्थित आवास पर जाकर परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी थी।

गौरतलब है कि अधिवक्ता सह कांग्रेस नेता संजीव सिंह की शिकायत पर पटना के सीजेएम ने तेजस्वी यादव,मीसा भारती,मदन मोहन झा,स्वर्गीय सदानंद सिंह,सुभानंद और राजेश राठौर के खिलाफ कोतवाली थाना को प्राधमिकी दर्ज कर जांच का आदेश दिया है।कांग्रेस नेता संजीव सिंह ने शिकायत की है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट देने का आश्वासन देते हुए उनसे पांच करोड़ रुपए लिए गए थे।रकम लेने के बाद भी उन्हें पार्टी का चुनावी टिकट नहीं दिया गया था।

लोकसभा का टिकट नहीं मिलने की स्थिति में विधानसभा चुनाव में उन्हें और उनके भाई को टिकट देना का आश्वासन दिया गया था,पर दोनो लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया ।इसके बाद जब अपने पैसे की वापसी के लिए तेजस्वी यादव एवं मदन मोहन झा से बात की गयी तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गयी है।इसलिए उन्हौने कोर्ट की शरण ली है।