PMCH के 100 साल : राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने साझा किए विचार, बोले CM नीतीश - बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में हुआ अभूतपूर्व विकास

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 100 years of PMCH  100 years of PMCH

PATNA : मंगलवार को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में आयोजित पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (PMCH) के शताब्दी वर्ष समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पीएमसीएच के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का स्वागत करता हूं और हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। इस अवसर पर उपस्थित राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सह रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा सहित सभी अतिथियों का स्वागत करता हूं।

आज के इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आप सबको बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 फरवरी, 1925 को पीएमसीएच की स्थापना की गई थी। देश में उस समय बहुत कम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। पीएमसीएच का विशेष महत्व रहा है। यहां इलाज के लिए दूसरे राज्य के लोग भी आते थे। हम इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते थे तो उस समय पीएमसीएच के छात्रों से जो हमारे मित्र हुआ करते थे, उनसे मुलाकात होती थी।

PMCH के प्रति हमारा विशेष लगाव है। जब सरकार में नवंबर, 2005 से यहां काम करने का मौका मिला तो हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई काम किया। यहां 06 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। अब 12 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हो गया है, 14 का निर्माण किया जा रहा है। 08 जगहों पर केन्द्र सरकार निर्माण करा रही है। हमलोगों ने सोच लिया है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाएंगे।

PMCH को 5400 बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल बनाया जा रहा है। इसके पहले फेज का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। दूसरे और तीसरे फेज का निर्माण चल रहा है। हम इसके निर्माण कार्य का हमेशा निरीक्षण करते रहते हैं। बाकी अन्य 05 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को 2500 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। आईजीआईएमएस का विस्तारीकरण कर 3000 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि पहले बिहार की क्या स्थिति थी। जब हमलोग वर्ष 2005 में सरकार में आए तो यहां विकास के कई काम किए गए। पहले शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकल पाता था। भय का वातावरण था। अब लोग देर रात तक बाहर रहकर अपना काम करते हैं और निर्भीक होकर घूमते हैं। पहले सड़कों की स्थिति भी बहुत खराब थी, कहीं भी जाने के लिए अच्छी सड़कें नहीं थी। जब हम केंद्र में मंत्री एवं सांसद थे तो अपने क्षेत्र में उस समय पैदल ही घूमा करते थे। हमलोगों ने अच्छी सड़कें बनवाईं। उन्होंने कहा कि पहले की सरकार में कोई काम नहीं होता था। पहले पढ़ाई की भी अच्छी व्यवस्था नहीं थी। हमलोगों ने लड़कियों की पढ़ाई के लिए बहुत काम किया। नये-नये स्कूल, कॉलेज खोले गए। पंचायत स्तर पर पढ़ाई की अच्छी व्यवस्था की गई। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय सहित सरकारी नौकरियों में आरक्षण देकर महिलाओं को आगे बढ़ाया गया। बिहार के विकास में केंद्र का भी सहयोग मिल रहा है। बिहार बहुत आगे बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब यहां कार्यक्रम में आए हैं। यह बहुत खुशी की बात है। पीएमसीएच को विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने के लिए बहुत तेजी से काम हो रहा है।

पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने आते थे। हमलोगों ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवं इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब एक माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले हिंदू-मुस्लिम में काफी झगड़ा होता था। बिहार में हमलोगों की सरकार बनने के बाद अब कहीं कोई विवाद नहीं होता है। समाज के सभी लोगों के लिए चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम हों, अगड़े हों या पिछड़े हों या अति पिछड़े हों, दलित हों या महादलित हों, सभी लोगों के विकास के लिए काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित होकर शताब्दी समारोह की शोभा बढ़ाई और यहां मौजूद लोगों का हौसला बढ़ाया। सभी आगत अतिथियों का अभिनंदन भी करता हूं। पीएमसीएच के विकास में राज्य सरकार पूरा सहयोग कर रही है। केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है। आपस में प्रेम और भाईचारा बनाकर रहें, सबलोग मिल-जुलकर आगे बढ़ें। कार्यक्रम में पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया।