अजब-गजब : अजीब उलझन है भाई ! कुलपति महोदय राजभवन का दिशा-निर्देश मानें या फिर KK पाठक का सख्त आदेश
PATNA:-बिहार के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के सख्त लहजे और कार्यशैली की वजह से राजभवन और शिक्षा विभाग दोनों परेशान दिख रहा है क्योंकि सख्त निर्देश के बाद भी केके पाठक अपनी स्टाइल बदलने को तैयार नहीं है.शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और सीएम नीतीश कुमार के सुबह 9..45 बजे शिक्षकों के आने की घोषणा के बावजूद अभी तक केके पाठक ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी नहीं की है,वही राजभवन की अनुमति नहीं देने के बावजूद वे 28 फरवरी को सभी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव को पटना बैठक में बुलाया है और इस बैठक में शामिल नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है.
शिक्षा मंत्री,राजभवन और केके पाठक के अलग-अलग स्टैंड की वजह से स्कूल के शिक्षक और राज्य के विभिन्न विवि के पदाधिकारी पशोपेश में है.उनके लिए आगे कुआं पीछे खाई वाली स्थिति उत्पन्न हो गयी है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वे राजभवन और शिक्षा विभाग में से किसका आदेश मानें.वहीं सीएम नीतीश ने विधानसभा में घोषणा की थी कि पहली से 12 वीं तक के बच्चों का क्लास 10 बजे से शुरू होगी और शिक्षक 15 मिनट पहले आयेंगे पर केके पाठक ने इससे संबंधित किसी तरह का लिखित आदेश जारी नहीं किया.इस बीच 9 बजकर 5 मिनट पर आने वाले शिक्षकों के खिलाफ वेतन कटौती जैसी कार्रवाई कर दी गई.इसके साथ ही स्कूलों एवं कॉलेजों के निरीक्षण के लिए अधिकारियों की लिस्ट भी जारी कर दी है और निर्धारित समय तक नहीं आने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.इससे प्राथमिक स्कूल से लेकर कॉलेज और विवि तक के शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और अधिकारी परेशान हैं.वहीं राजभवन के स्टैंड की वजह से भी विवि के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी के साथ ही कुलपति और कुलसचिव पशोपेश में हैं.
बताते चलें कि 2 से 3 मार्च को शिक्षा विभाग ने कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें सभी विवि के कुलपति,प्रतिकुलपति,कुलसचिव,वित्त पदाधिकारी समेत अन्य पदाधिकारियों को बुलाया गया था पर राजभवन ने इस कार्यशाला में शामिल होने को लेकर अनुमति नहीं दी थी और ये मैसेज दिया था कि राजभवन के अनुमति के बिना विवि के कोई भी पदाधिकारी शिक्षा विभाग के किसी भी मीटिंग या कार्यशाला में शामिल नहीं होंगे.ऐसे में 28 फरवरी को शिक्षा विभाग द्वारा बुलाये गये बैठक में शामिल होने को लेकर भी विवि के कुलपति और कुलसचिव पशेपेश में हैं कि वे शिक्षा विभाग के आदेश का पालन करते हुए 28 फरवरी को मीटिंग में शामिल हों या फिर राजभवन का दिशा निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग की इस बैठक से दूरी बनायें.इसका मतलब है कि 28 फरवरी का दिन उच्च शिक्षा विभाग के लिए काफी अहम होने वाला है.इस दिन राज्य के सभी विवि के कुलपति और कुलसचिव के बैठक में शामिल होने या नहीं होने का फैसला ये तय करेगा कि बिहार में उच्च शिक्षा विभाग में राजभवन का दिशा निर्देश अहम माइने रखता है या फिर शिक्षा विभाग का लिखित आदेश....