वट सावित्री व्रत 2025 : रांची में सुहागिन महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा, पति की लंबी आयु की कामना की

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रांची : राजधानी रांची समेत विभिन्न स्थानों पर वट सावित्री पर्व मनाया जा रहा है. अखंड सौभाग्य की कामना के साथ सुहागिन महिलाएं सोमवार को सुबह से ही वट सावित्री की पूजा कर रही हैं. इस अवसर पर महिलाएं व्रत रख रही हैं. इसको लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है.

रांची, खलारी कोयलांचल क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सुहागिन महिलाओं के द्वारा अपने पति की दीर्घायु होने की कामना को लेकर वटसावित्री की पूजा अर्चना की गई. सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर सोमवार को बरगद वृक्ष के नीचे पहुंची और पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना कर बरगद के वृक्ष के तना में कच्चा धागा बांधते हुए अपने पति की दीर्घायु होने की कामना की है. वट सावित्री की पूजा करने वाली महिलाओं ने बताया कि वटसावित्री व्रत करने से पति की आयु काफी लंबी होती है और उनके ऊपर आनेवाला संकट टल जाता है.

वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र और सुख-समृद्ध के लिए करती हैं. इस अवसर पर वट वृक्ष की पूजा की जाती है. आज के दिन सावित्री और सत्यवान की कथा सुनने का विशेष महत्व है, जो पति-पत्नी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. पुराणों के अनुसार वट वृक्ष में व्रह्मा,विष्णु और महेश का निवास होता है. इस लिए इसके नीचे बैठकर पूजा और व्रत कथा सुनने से मनोकामनाएं पूरी होती है. ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं सावित्री का व्रत करती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं,उन्हें अखंड सौभाग्य का फल प्राप्त होता है.

वट सावित्री व्रत की मान्यता यह है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी. इसलिए यह तात्कालिक रुप से सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष माना जाता है. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके बरगद के पेड़ में कच्चा सूत बांधती है. वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए वे अपने पति की लंबी य़आयु के लिए प्रार्थना करती हैं.