विजयादशमी पर खुल गया वाल्मिकी टाइगर रिजर्व : बाघों की चहलकदमी पैदा करेगी रोमांच और कौतूहल
BAGHA : कोरोना महामारी के लम्बे समय बाद बिहार के बगहा स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में अब रौनक लौटने लगी है। पर्यटक कोरोना के कारण कैद हुई जिंदगी को खुले आकाश की ओर लेकर जाने लगे हैं। ताकि मायूसी और निराशा को अलविदा कह सकें। VTR की खुली वादियां और प्रकृति का सौन्दर्य देखने की पर्यटको की हसरत आज से पूरी होगी।
शुक्रवार को विजयदशमी के अवसर पर वाल्मीकि टाईगर रिजर्व की इको टुरिज्म सेवा को सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। लेकिन 22 अक्टूबर से विशेष पैकेज की शुरुआत हो रही है। वाल्मीकि नगर आने वाले सैलानियों को अब ईको पार्क की माध्यम से प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा मिल सकेगा। लॉकडाउन और अन्य कारणों से ईको पार्क के उद्घाटन के बाद इसे पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। जिससे पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया है।
बाघों का दीदार पैदा करता है रोमांच औऱ कौतूहल
जंगल सफारी के क्रम में पर्यटकों को बाघों का दीदार रोमांच एवं कौतूहल पैदा करता है। बगहा वाल्मीकि नगर मुख्य पथ पर सड़क के बीचों-बीच अक्सर बाघ दिख जाता है। इतना ही नहीं जंगल सफारी के दौरान हिरणों का झुंड, जंगली भैंस, कई प्रकार के सर्प की प्रजातियां, सड़क पर अठखेलियां करते हुए भालू रात्रि के समय पर्यटकों को दिख जाया करती हैं।
वीटीआर के जंगल घूमने के लिए विभाग की ओर से वाहन एवं गाइड उपलब्ध कराए जाते हैं, जो जंगल सफारी के आनंद को दोगुना देते हैं। गंडक नदी के जलाशय में नौका विहार का अलग ही मजा है। गंडक के शांत पानी को चीरते हुए जब मोटर बोट आगे बढ़ती है तो रोमांच अपने चरम पर होता है।
इको पार्क का पर्यटक लेंगे आनंद
जंगल सफारी पर आए पर्यटकों के द्वारा इको पार्क का दीदार किया जा रहा है, हालांकि जल संसाधन विभाग को अभी तक इको पार्क हैंडओवर नहीं किया गया है। और अभी इसकी देखरेख एवं साफ-सफाई की पूर्ण जिम्मेवारी एनएनटी कंपनी को है। लेकिन पार्क देखने की हसरत लिए वाल्मीकि नगर आने वाले सैलानियों को अब मायूस नहीं होना पड़ेगा। भागदौड़ भरी जीवन को सुकून दिलाने के लिए वाल्मीकि नगर में लगभग 8 करोड रुपए की लागत है इस इको पार्क का निर्माण कराया गया है। प्रकृति को और नजदीक लाने के लिए जल संसाधन विभाग ने एक खास पहल की है।