उर्दू उच्च विद्यालय विवादों में : सांसद सुदर्शन भगत की पहल पर शिक्षा विभाग उर्दू उच्च विद्यालय चरहू की जांच करने में जुटी, लोगों ने सांसद से की थी शिकायत

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लोहरदगा : खबर है लोहरदगा की जहां किस्को प्रखंड अंतर्गत राजकीय उत्क्रमित उर्दू उच्च विद्यालय चरहू अब विवादों से घिर गई है. इस विद्यालय से पढ़ कर निकले धनेश्वर पांडे ने आरोप लगाया है कि यह विद्यालय जिस समय वो पढ़ा करते थे उस समय प्राथमिक विद्यालय हुआ करती थी. 1976 में जब उन्हें विद्यालय से सर्टिफिकेट दिए गए थे तब उस पर उर्दू विद्यालय शब्द का कहीं जिक्र नहीं था लेकिन अब विद्यालय का नाम उर्दू विद्यालय हो गई है जो कि एक षड्यंत्र के तहत हुई है. इस विद्यालय का संचालन पहले की तरह होना चाहिए.

वहीं इस उर्दू विद्यालय का विवाद सांसद सुदर्शन भगत तक पहुंची तो उन्होंने जिला शिक्षा विभाग से इसकी जांच कराने की बात कही जिससे यह स्पष्ट हो कि आखिर कब और क्यों इस विद्यालय का नाम उर्दू विद्यालय कर दिया गया.

सांसद सुदर्शन भगत ने कहा कि ग्रामीणों और अभिभावकों की तरफ से चरहू उर्दू उच्च विद्यालय के संदर्भ मेंखासकर उर्दू नाम को लेकर आपत्ति की गई है. इनका कहना है कि यह सामान्य विद्यालय था लेकिन अचानक कैसे यह स्कूल उर्दू उच्च विद्यालय में परिणत हो गया. हमने विभाग को कहा है कि मामले की जांच होनी चाहिए. जब सरकारी स्कूल राज्य सरकार का है तो यह निश्चित रूप से यह विभाग के संज्ञान में है कि नहीं यह भी सवाल है. आज खासकर इस प्रकार की समस्या पूरे राज्य में है.

यह देश और राज्य संविधान के अनुसार चलता है. हमने जिला के अधिकारियों से कहा है कि इसे गंभीरता से लें. अन्यथा पूरे जिले के लिए यह सिरदर्द बन सकता है. आज एक जगह का यह मामला है. इसलिए इस समस्या का समाधान होना चाहिए.

चरहू के ग्रामीण और स्कूल के पूर्व छात्र रहे पूर्व पंचायत जनप्रतिनिधि धनेश्वर पांडेय ने जिला परिसदन में सांसद को चरहू स्कूल से 31 दिसंबर 1976 में पांचवीं पास करने का अपना सर्टिफिकेट दिखाया. इसमें विद्यालय के नाम के साथ उर्दू शब्द नहीं है. प्राथमिक विद्यालय चरहू लोहरदगा लिखा है. धनेश्वर पांडेय ने कहा कि षडयंत्र के तहत बाद में स्कूल के नाम के साथ उर्दू शब्द जोड़ा गया. उन्होंने कई बार इसकी जांच और कार्रवाई करने की मांग उठायी है.

वहीं अब राजकीय उत्क्रमित उर्दू उच्च विद्यालय चरहु को जिला शिक्षा विभाग ने उर्दू स्कूल की मान्यता दिया है और जिले के 18 उर्दू स्कूलों के लिस्ट में इसे शामिल कर लिया है लेकिन जांच की मांग उठते ही जिला शिक्षा विभाग भी जांच में जुट कर स्कूल का दस्तावेज खंगाल रही है.

वहीं सांसद और स्थानीय ग्रामीण की जांच के मांग पर रविवार को किस्को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी चार्ल्स हेंब्रम ने उर्दू उच्च विद्यालय चरहु जाकर कागजी प्रक्रिया कर स्कूल के दस्तावेजों को लेकर जिला शिक्षा विभाग के पास भेज दिया है और जिला शिक्षा विभाग आगे की जांच में जुट गई है.


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