गढ़वा पुलिस की अनोखी पहल : 20 साल से लापता बेटे का जब आया वीडियो कॉल, बुढ़े मां बाप के आंखों में आ गया आंसू
गढ़वा : मिलकर बिछड़ना दस्तूर है जिन्दगी का.. एक यही किस्सा मशहूर है जिन्दगी का.. बीते हुए पल कभी लौटकर नहीं आते.. यही सबसे बड़ा कसूर है जिन्दगी का.. जीं हां, गढ़वा का एक लड़का 20 साल पहले लापता हो गया था. अब उसका पता चला है. उसके माता-पिता के लिये उसके साथ बीताये गये पल तो लौट नहीं सकता, लेकिन अपने कलेजे के टुकड़े को जिन्दगी में वापस आ जाने की खुशी जरूर है. मामला गढ़वा जिले का है. यहां पुलिस की एक अनोखी पहल देखने को मिली है.. जहाँ एसपी दीपक पाण्डेय की एक पहल ने 20 वर्षो से बिछड़े एक बेटे को उसके माँ बाप से मिला दिया.. मामला गढ़वा जिले के रंका थाना क्षेत्र के पिंडरा गाँव का है. कहानी 20 वर्ष पहले की है ज़ब रामजनम काम की तलाश मे हरियाणा चला गया. गाँव का लड़का होने के कारण वह बेहद साधारण था. सम्पर्क का कोई साधन नहीं था. काम की तलाश मे वह हरियाणा के पलवल जिले मे चला गया. वंहा उसकी मुलाक़ात एक परिवार से हुई और उस नेक परिवार ने उस सीधे साधे लड़के को अपने घर पर रख लिया. देखते देखते 20 वर्ष बीत गए.
घर वालों को लगा उसका बेटा अब इस दुनिया मे अब नहीं है. जबकि रामजनम भी अपने माँ बाप से मिलने की उम्मीद छोड़ दिया था. लेकिन अचनाक रामजनम को अपने घर की याद आई और अपने घर की मालकिन से बोला. जिसके बाद उक्त महिला ने गूगल से गढ़वा एसपी का सरकारी नंबर निकाल मोबाइल के माध्यम से इसकी जानकारी दी. और रामजन्म का फोटो शेयर किया. पुलिस ने तत्काल रंका थाना को फोटो गाँव मे भेजकर पता लगाने का निर्देश दिया. जिसके आलोक मे थाना प्रभारी ने गाँव मे पहुंच कर फोटो की पहचान उसके माँ बाप से कराई और माँ बाप ने भी अपने बेटे को पहचान कर लिया. जिसके बाद रंका थाना मे ले जाकर माँ बाप से रामजन्म की वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात कराई. रामजन्म और उसके माँ बाप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से बात कर इतने भावुक हुआ की एक दूसरे को देखते देखते आँखों से आंसू चलना लगा और गढ़वा एसपी की इस पहल की चारो तरफ प्रशंसा होने लगे.
एसपी दीपक पाण्डेय ने कहा की हरियाणा से एक महिला के द्वारा मेरे सरकारी नंबर पर एक कॉल आया था की एक व्यक्ति जो है 12 वर्षो से काम कर रहा है जो गढ़वा जिले का रंका थाना का पिंडरा मे अपना गाँव बता रहा है महिला के द्वारा उस व्यक्ति का फोटो भी भेजा गया था पुलिस के द्वारा उस गाँव मे जाकर उसकी पहचान गाँव के ही रामजनम सिंह क्व रूप मे की गई जो विगत 20 वर्ष पहले कमाने के लिए बाहर गया था जो वापस नही आया था घर एवं गाँव के लोग उसे मृत समझ बैठे थे लेकिन फोटो देखने के बाद लोगो मे ख़ुशी जाहिर करते हुए उसके माता पिता को थाना बुलाकर पुलिस के माध्यम से वीडियो कॉल मे द्वारा पुनः सत्यापन कराया गया जिसमे रामजनम और उसके माता पिता दोनों ने एक दूसरे की पहचान की अब गढ़वा पुलिस के द्वारा पहल की जा रही है की उसे हरियाणा के पलवल से सुरक्षित लाया जा सके।