बदलो बिहार महाजुटान : गांधी मैदान में भाकपा (माले) की सरकार बदलने की हुंकार, कहा : बीजेपी को सत्ता से बेदखल करना मुख्य लक्ष्य

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 There is a demand to change CPI ML government in Gandhi Maidan PATNA  There is a demand to change CPI ML government in Gandhi Maidan PATNA

PATNA :बिहार की राजनीति में हलचल मचाने के लिए भाकपा (माले) ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘बदलो बिहार महाजुटान’ कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, पार्टी के सांसद, विधायक और हजारों कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

भारी भीड़, बुलंद इरादे

गांधी मैदान में उमड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भाजपा और बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि "हमारी लड़ाई सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं बल्कि बिहार की जनता को भाजपा के झांसे से बाहर निकालने के लिए है। इस बार सरकार बदलकर ही रहेंगे। किसानों, युवाओं, संविदाकर्मियों और बेघर लोगों की असली लड़ाई यही है।"

स्कीम वर्कर्स और संविदा कर्मियों की मजबूती दिखी

कार्यक्रम में रसोइया, सहारा, जीविका, आशा फैसिलिटेटर, बेल्ट्रॉन संविदा कर्मियों समेत कई छोटे-छोटे संगठनों ने बैनर के साथ अपनी आवाज बुलंद की। इन स्कीम वर्कर्स और संविदा कर्मियों की उपस्थिति ने सरकार की नीतियों के खिलाफ मजबूत विरोध का संकेत दिया।

महासचिव ने दी सरकार को चुनौती

दीपांकर भट्टाचार्य ने इस भीड़ को जनता का असली आक्रोश बताते हुए कहा कि "यह तो सिर्फ झांकी है, असली तस्वीर विधानसभा चुनाव में दिखेगी।" उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे पर चर्चा समय आने पर होगी लेकिन उनकी पार्टी का लक्ष्य बिहार में भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है।

माले नेताओं का दिखा जोश

कार्यक्रम में मौजूद सांसद राजाराम सिंह और सुदामा प्रसाद ने कहा कि महीनों की पैदल यात्राओं और जनसंपर्क अभियानों का ही नतीजा है कि यह महाजुटान इतना सफल रहा। विधायक संदीप सौरव, जो एक दिन पहले ही शादी के बंधन में बंधे थे, वे भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिससे कार्यकर्ताओं का जोश और बढ़ गया।

क्या बदल पाएगी बिहार की राजनीति?

भाकपा (माले) के इस शक्ति प्रदर्शन ने चुनावी समीकरणों को और दिलचस्प बना दिया है। क्या यह महाजुटान बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव लाएगा या यह केवल एक चुनावी रैली बनकर रह जाएगी? इसका जवाब आने वाले समय में मिलेगा, लेकिन फिलहाल गांधी मैदान से उठी यह ललकार बिहार की सियासत में हलचल जरूर मचा रही है।