औरंगाबाद में रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान : पुलिया का उद्घाटन किए बिना विधायक को लौटना पड़ा, ग्रामीण बोले- किसी को गांव में घुसने नहीं देंगे

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The MLA had to return without inaugurating the culvert, and the villagers declared they would not allow anyone into the village. The MLA had to return without inaugurating the culvert, and the villagers declared they would not allow anyone into the village.

औरंगाबाद-औरंगाबाद के हसपुरा ब्लॉक में गोह विधायक भीम सिंह को नवनिर्मित पुलिया का उद्घाटन किए बगैर लौटना पड़ा। अमझर शरीफ में उद्घाटन कार्यक्रम था, लेकिन कार्यक्रम स्थल से पहले बरैलीचक मोड़ के पास सैकड़ों युवा काला झंडा लेकर खड़े हो गए। गांव में रोड नहीं रहने से लोगों में नाराजगी है। इस बार'रोड नहीं तो वोट नहीं' का ऐलान किया है।


इस दौरान समर्थक आंदोलनकारियों से उलझ गए और धमकी देने लगे। इसका वीडियो भी सामने आया है। इससे युवाओं का गुस्सा भड़क गया। विधायक को बिना उद्घाटन किए बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा।

हसपुरा-देवकुंड रोड का जर्जर होना है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे सुधीर सिंह ने कहा कि यह सड़क हसपुरा और देवकुंड के दर्जनों गांवों के लिए जीवन रेखा है। देवकुंड और अमझरशरीफ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसके बावजूद कई दशकों से सड़क की हालत ऐसी है कि पैदल चलना भी मुश्किल है।


एंबुलेंस वाले इस रोड में आने से इनकार कर देते हैं। लोग इस रोड पर आने से बचने के लिए दोगुनी दूरी तय करते हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है। साथ ही यह भी तय किया है गांव में किसी नेता को घुसने नहीं देंगे। दर्जन भर गांवों में चुनाव बहिष्कार के बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं।

हसपुरा और अमझर शरीफ के बीच बरेली चक मोड़ पर आंदोलनकारी दिन भर रोड नहीं तो वोट नहीं और नालायक नेता मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। विरोध के लिए काले झंडे लहरा रहे थे। इससे पहले आंदोलन के समर्थन में युवाओं ने हसपुरा बाजार में रैली निकाली थी।

औरंगाबाद से मंन्टू कुमार की रिपोर्ट