लड़की को भगाने पर पकड़ाया था : आरा बालगृह के बाथरुम में मिली डेडबॉडी
ARRAH :भोजपुर जिले के बाल पर्यवेक्षण गृह में एक बच्चे का शव मिला है। वह बक्सर जिले का रहने वाला है। उसे लड़की भगाने के मामले में पकड़ा गया था। कुछ ही दिन पहले आरा नगर थाना क्षेत्र के धनुपरा स्थित पर्यवेक्षण गृह में लाए जाने के बाद उसे क्वारंटाइन कक्ष में रखा गया था। क्वारंटाइन कक्ष के बाथरूम से ही उसकी लाश मिली है। चर्चा है कि बच्चे ने खुदकुशी कर ली है। इस घटना के बाद पर्यवेक्षण गृह में अफरातफरी की स्थिति हो गई। बताया जा रहा है कि अव्यवस्था के बीच पर्यवेक्षण गृह से 10 के संख्या में बच्चे गेट तोड़कर भाग निकले। प्रशासन पर्यवेक्षण गृह से भागने वाले बच्चों की तलाश में जुटा है।
घटना की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल पहुंचे थे अधिकारी
यह घटना शुक्रवार की देर शाम की बताई जा रही है। बच्चे को फंदे से उतार कर आरा सदर अस्पताल लाया गया था, जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि उसकी मौत अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में हुई। इसकी जानकारी मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी भी दौड़े-दौड़े अस्पताल पहुंचे।
बक्सर के बुधनपुरवा का रहने वाला था किशोर
मृत किशोर बक्सर जिले के बक्सर नगर थाना क्षेत्र के बुधनपुरवा मुहल्ले का रहने वाला है। इधर बाल पर्यवेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक रविशंकर वर्मा ने बताया कि बाल पयर्वेक्षण गृह में कुल 87 बच्चे थे। इनमें 14 बच्चे क्वारंटाइन कक्ष में रहते थे। बक्सर का यह किशोर भी उनमें शामिल था। उन्होंने बताया कि बक्सर का किशोर प्रेम प्रसंग के मामले में किशोरी के अपहरण के मामले में छह अक्टूबर को लाया गया था।
खाना खाने के बाद बाथरूम में चला गया
शुक्रवार की देर शाम करीब साढ़े सात बजे हर रोज की तरह बाल गृह माता रेखा देवी ने सभी बच्चों को खाना दिया। खाना खाने के बाद बक्सर के किशोर ने बाथरूम में जाकर उसका दरवाजा बंद कर लिया। बताया जा रहा है कि इसके बाद उसने गले में गमछा बांध कर फांसी लगा ली। कुछ देर बीत जाने के बाद जब बाथरूम का दरवाजा नहीं खुला तो अन्य किशोरों ने शोर मचाना शुरू किया।
अस्पताल ले जाने के दौरान हुई मौत
बच्चों के शोर की आवाज सुनने के बाद बाद सभी लोग वहां पहुंचे और बाथरूम का दरवाजा तोड़कर किशोर को बाहर निकाला। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ला रहे थे, तभी उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। दूसरी ओर प्रभारी अधीक्षक रवि शंकर वर्मा ने बताया कि वह बाल गृह में आने के बाद एक बार पहले भी फिनाइल पी लिया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद उसका इलाज भी कराया गया था।
दिल्ली से पकड़ा गया था प्रेमी युगल
इधर, मृतक किशोर के बड़े भाई ने बताया कि वह मुहल्ले की ही एक लड़की को लेकर दिल्ली भाग गया था। इसको लेकर लड़की के परिवार वालों द्वारा स्थानीय थाना में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिसिया दबिश के कारण परिवार वालों ने दिल्ली से दोनों लड़का-लड़की को पकड़ कर लाया गया था और उन्हें स्थानीय थाना में ले जाकर पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया था। इसके बाद पुलिस ने किशोर को आरा धनुपरा स्थित बाल परीक्षण गृह में जेल भेज दिया था।