देवघर में वीणाधर महादेव का मंदिर : वीणा बजाते भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा, स्वर और सुर के स्वामी हैं महादेव

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Temple of Veenadhar Mahadev in Deoghar Temple of Veenadhar Mahadev in Deoghar

देवघर :भगवान शंकर की तस्वीर,प्रतिमा या मूर्ति में आपको भोलेनाथ अपने सपरिवार के साथ और सभी की सवारी ,त्रिशूल,नाग इत्यादि वाली मिलती है या देखी जा सकती है।लेकिन कभी भोलेनाथ को वीणा बजाते हुए आपने नही देखा होगा।अगर देखना चाहते है तो आइए बाबाधाम यहाँ आपको ऐसा शिव का विग्रह मिलेगा जो कहीं भी आपको नही मिलेगा।

दुर्लभ है वीणाधर महादेव का विग्रह

देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम अपने आप मे कई इतिहास को संजोए हुए है।यह पवित्र तीर्थ स्थल सतयुग और त्रेतायुग दोनो युग का प्रतीक माना जाता है।सतयुग में माता सती का हृदय गिरा था और उसी स्थान पर त्रेतायुग में ज्योर्तिलिंग स्थापित की गई थी।वैसे तो बाबा मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर के अलावा 22 मंदिर है।इसी में से पार्वती मंदिर के बगल में स्थित है वीणाधर महादेव।जहां महादेव का वीणा बजाते हुए विग्रह स्थापित है।बाबाधाम के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा के अनुसार महादेव स्वर और सुर के स्वामी है।संगीत के अधिष्ठात्री है।स्वर का सातों सुर वीणा के सात तार से निकलता है।इस मंदिर में महादेव वीणा बजाते दिख रहे है इसलिए इनका नाम वीणाधर पड़ा है।इस मंदिर में संगीत,स्वर,सुर,वैदिक सारे लोगो का मिश्रण है।दुर्लभ मिश्रा के अनुसार ऐसा मूर्ति हिंदुस्तान में कही नही मिलेगा।

बौद्धकाल से जोड़ा जा रहा है विग्रह को

वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित दुर्लभ मिश्रा की माने तो जो संगीत के प्रेमी है वह जानते है कि महादेव ही स्वर,सुर के स्वामी और संगीत के अधिष्ठात्री है।जानकर बताते है कि वीणाधर महादेव का विग्रह बौद्धकालीन है जो बेशकीमती है।बौद्ध वीणाधर महादेव की रुचि से पूजा करते थे।बौद्ध लोग मानते थे कि यह स्वरूप बुद्ध के संगीत प्रेम के रूप में मूर्ति है।वीणाधार महादेव का विग्रह छोटा है।इनकी पूजा अर्चना करने से संगीत में मुकाम हासिल होती है।यही कारण है कि जो जानते है वे इनकी पूजा अवश्य करते है।इन्ही सब विशेषताओं के कारण यह तीर्थ स्थल अन्य स्थलों से अलग अपनी पहचान रखती है।