BIHAR POLITICS : सिंगापुर से वापस लौट रहे LALU यादव ...राज्य की राजनीति में बदलाव की चर्चा...


Desk:-लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति लगातार बदल रही है...इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव किडनी के सफल ऑपरेशन के बाद वापस लौट रहें हैं और ऐसा माना जा रहा है कि उनके लौटने के बाद यहां की राजनीति में बड़े बदलाव हो सकतें हैं.लालू यादव 10-11 फरवरी को पूर्व सीएम राबड़ी देवी और सांसद मीसा भारती के साथ सिंगापुर से दिल्ली वापस लौट रहे हैं,दिल्ली के बाद उनके पटना लौटे की भी संभावना है.
बताते चलें कि नीतीश कुमार के खस माने जाने वालें उपेन्द्र कुशवाहा बगावती मूड में हैं और ऐसा माना जा रहा है कि फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के पहले उपेन्द्र कुशवाहा कुछ ठोस कदम उठा सकतें हैं क्योंकि अब उनका जेडीयू के साथ रहना असंभव सा लग रहा है.उपेन्द्र कुशवाहा के साथ जेडीयू का दामन छोड़ सकतें हैं.
वहीं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी सांसद सुशील मोदी लगातार कह रहें हैं कि लालू प्रसाद के सिंगापुर से लौटने के बाद तेजस्वी की ताजपोशी हो सकती है.इसलिए नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार रोक दिया गया है.बतातें चलें कि उपेन्द्र कुशवाहा के डिप्टी सीएम बनने की मीडिया में चर्चा के बीच नीतीश कुमार ने कहा था कि दूसरा डिप्टी सीएम बनाने की खबर फालतू है..पर आरजेडी कोटे के इस्तीफा से खाली हुई सीट और कांग्रेस कोटे से कुछ मंत्री बनाए ज सकतें हैं पर पिछले दिनो तेजस्वी यादव के मंत्रिमंडल विस्तार की किसी संभावना से इंकार किए जाने से कई तरह की चर्चायें होनी शुरू हो गई है.
गौलतर है कि उपेन्द्र कुशवाहा और बीजेपी लगातार उस डील के खुलासे की मांग कर रही है जो महागठबंधन की सरकार बनने से पहले सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुआ था.हलांकि नीतीश,तेजस्वी के साथ जेडीयू और आरजेडी इस तरह की किसी डील से इंकार करती है,पर ऐसा माना जाता है कि तेजस्वी यादव के सीएम की गद्दी सौंपकर नीतीश कुमार के केन्द्रीय राजनीति में सक्रिय होने की डील की गई थी.इसको लेकर नीतीश कुमार ने कई बात सार्वजनिक मंच से संकेत में मिला था जिसमें नीतीश कुमार ने कहा था कि अब उन्हौने बिहार की काफी सेवा की है और अब आगे तेजस्वी को ही करना है..पर जेडीयू के राष्ट्रीय अधिवेशन में 2025 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व करने की नीतीश की घोषणा के बाद से जेडीयू में अंदर ही अंदर घमासन मचा हुआ है पर अभी कोई भी नेता सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बोल रहें हैं.
वहीं तेजस्वी के समर्थक और आरजेडी 2025 तक इंतजार करने के मूड में नहीं है .यही वजह है कि जगदानंद सिंह और सुधाकर सिंह के साथ ही प्रोफेसर चंद्रशेखर एवं अन्य नेता इस तरह का बयान दे रहें हैं जो नीतीश कुमार और जेडीयू को असहज करने वाला है.इसलिए कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव के स्वस्थ होकर सिंगापुर से दिल्ली के रास्ते पटना लौटने के बाद बिहार की राजनीति में कुछ बदलाव दिख सकता है..क्योंकि 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी बीजेपी ने शुरू कर दी है और बिहार को उसने फोकस में रखा है,जबकि विपक्षी एकता को मजबूत करने को लेकर नीतीश का बयान अभी सिर्फ बयानों में ही दिख रहा है..व्यवहार में अभी उन्हें दिखाना है और इसके लिए उन्हौने बिहार के बजट सत्र के बाद दौरे पर निकलने के बात कही है..अब देखना है कि लालू के वापसी के बाद क्या कुछ बदलता है...