बिहारी प्रतिभा का लोहा : 27 हजार कर्मचारियों की कंपनी का नेतृत्व कर रहे श्वेताभ
DESK:- बिहारी प्रतिभाओं का लोहा केवल देश ही नहीं दुनिया मान रही है। बिहार के मुजफ्फरपुर के श्वेताभ की गिनती ऐसे ही युवा उद्यमी के रूप में हो रही है, जिन्होंने छोटे से शहर से अपनी यात्रा शुरू करके कॉरपोरेट जगत में बड़ा नाम बनाया है। अब उनकी ओर से शुरू की गयी हेल्थ केयर कंपनी में 27 हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में बिहार के युवक और युवतियां शामिल हैं।
श्वेताभ को एक्सेस हेल्थकेयर कंपनी में मिली बड़ी जिम्मेदारी
श्वेताभ की चर्चा हम यहां इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वो ऐसे बिहार उद्यमी हैं, जिन्हें अमेरिका के कॉरपोरेट जगत में खास पहचान मिल रही है। हाल में ही उन्हें एक्सेस हेल्थकेयर कंपनी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्हें कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य विकास अधिकारी के रूप में पदोन्नति किया है। इसके पहले वे कंपनी में यूएस ऑपरेशंस के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे। कुमार श्वेताभ पैसिफिक ग्लोबल के सीईओ हैं। इस कंपनी को उन्होंने शुरू किया था, लेकिन2018में एक्सेस हेल्थ केयर ने कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था।
एक्सेस हेल्थ केयर में श्वेताभ ने 6 साल में दिया बेहतर परिणाम
एक्सेस हेल्थकेयर के सीईओ और चेयरमैन अनुराग जैन ने कहा कि हमें कुमार को प्रेसिडेंट और चीफ ग्रोथ ऑफिसर के रूप में पदोन्नति देने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। एक्सेस हेल्थकेयर के साथ अपनी छह साल की सेवा के दौरान श्वेताभ कुमार ने उम्मीद से बेहतर परिणाम दिए हैं। हमें विश्वास है कि वह ऐसा आगे भी करेंगे। श्वेताभ कुमार के नेतृत्व में हम आनेवाले समय में नये अधिग्रहण, रणनीतिक साझेदारी के जरिये अपनी क्षमताओं को और आगे बढ़ायेंगे।
कौन है कुमार श्वेताभ
कुमार श्वेताभ मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर बिहार के रहनेवाले हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने मुजफ्फरपुर के सेंट्रल स्कूल से की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली गये। इनके पिता प्रमोद कुमार शाही जाने माने अधिवक्ता है। अभी मुजफ्फरपुर जिले के लोक अभियोजक के रूप में काम कर रहे हैं। श्वेताभ की मां श्रीमती मीरा शाही एक गृहिणी हैं। इनकी शादी सुष्मिता से हुई है। इनका तीन साल का बेटा श्लोक है। श्वेताभ पत्नी और बेटे के साथ अभी अमेरिका के टेक्सास के डलास शहर में रहते हैं, लेकिन वे एक्सेस हेल्थकेयर और पैसिफिक के काम को देखने के लिए हर महीने भारत आते हैं।
कैसे बना एक्सेस हेल्थकेयर
पढ़ाई के बाद श्वेताभ ने मल्टी नेशनल कंपनियों में कुछ साल काम किया, इसके बाद2009में अमेरिका और भारत में पैसिफिक ग्लोबल नाम की कंपनी की स्थापना की। पैसिफिक ग्लोबल एक हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग कंपनी है, जो यूएस हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लिए काम करती है। कंपनी में2018तक25सौ से जयादा कर्मचारी काम कर रहे थे। इसके बाद कंपनी की ग्रोथ को और बढ़ाने के लिए श्वेताभ ने एक्सेस हेल्थकेयर के साथ काम करना शुरू कर दिया। एक्सेस हेल्थकेयर ने पैसेफिक ग्लोबल का अधिग्रहण कर लिया। इस के साथ एक्सेस हेल्थकेयर और पैसिफ़िक ग्लोबल मिलकर दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर तकनीक और सेवा कंपनी बन गई।
एक्सेस हेल्थकेयर और पैसिफ़िक ग्लोबल अभी अमेरिका, भारत और फिलीपींस में नौ शहरों काम कर रही है, जिसका काम 20 कार्यालयों से होता है। कंपनी में अभी 27,000 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से 24,000 कर्मचारी भारत में हैं। श्वेताभ के नेतृत्व में कंपनी ने पिछले तीन सालों में बड़ा विस्तार किया है। इसकी ग्रोथ सौ फीसदी हुई है। श्वेताभ कंपनी के विकास की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इसमें नयी कंपनियों का अधिग्रहण और ग्राहकों की संख्य़ा को बढ़ाना मुख्य है।
श्वेताभ के बारे में अमेरिका की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख छपे हैं, जिसमें उनके नेतृत्व की सराहना की गयी है. इनमें सिलिकॉन रिव्यू, बिजनेस वर्ल्ड, डलास बिजनेस जर्नल और डलास इनोवेट्स प्रमुख हैं। श्वेताभ कंपनी के संचालन के साथ अब अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रबंधन से जुड़े ब्याख्यान देने भी जाते हैं। वो बेबिनार के जरिये ऑनलाइन प्रबंधन के लोगों को अपनी राय देते हैं। पुणे विश्वविद्यालय से विपणन और वित्त में एमबीए श्वेताभ को खाली समय में पढ़ना, लिखना और यात्रा करना पसंद है। वह फिल्मों के शौकीन हैं।
श्वेताभ की कंपनी का मुख्य काम अमेरिका में हैं और इसी वजह से वो अभी अमेरिका में रह रहे हैं, लेकिन अपने क्षेत्र यानी मुजफ्फरपुर से उनका खासा लगाव है. वो कहते हैं कि हमें जो भी सफलता मिल रही है। वो बिहार और खासकर मुजफ्फरपुर की मिट्टी की वजह से मिल रही है, इसलिए हम भले ही अमेरिका में रह हे हैं, लेकिन हमारे दिल हमेशा बिहार और अपना शहर मुजफ्फरपुर रहता है। उनका प्लान अगले कुछ सालों में अमेरिका से वापस भारत आने का है। अपने राज्य बिहार और खास कर मुजफ्फरपुर को लेकर उनकी कई योजनाएं हैं, जिन पर वो काम करना चाहते हैं।