श्रावणी मेला 2024 : किसी भी वाहन में मचान लगा होगा तो उसकी इंट्री नहीं होगी देवघर में, इंटर स्टेट की बैठक में हुआ निर्णय
देवघर : राजकीय श्रावणी मेला 2024 आगामी 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. इसको लेकर देवघर परिसदन में इंटर स्टेट बैठक आयोजित की गई. संताल परगना आयुक्त लालचंद डाडेल की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस बैठक में भागलपुर और मुंगेर के आयुक्त,आईजी और भागलपुर, मुंगेर,जमुई, बांका के जिलाधिकारी और भागलपुर, मुंगेर, बांका के एसपी सहित देवघर,दुमका के उपायुक्त,एसपी,संताल परगना के आईजी, डीआईजी और अन्य आला अधिकारियों ने शिरक़त की.
सुरक्षा और सुविधाओं के साथ सुखद अनुभव लेकर जाएंगे श्रद्धालु
इंटर स्टेट की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए संताल परगना के आयुक्त लालचंद डाडेल ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष यहाँ पहुँचने वाले श्रद्धालुओं को और भी बेहतर सेवा देने का निर्णय लिया गया है. आयुक्त ने बताया कि दोनों राज्य के अधिकारियों द्वारा सूचना का आदान-प्रदान कर मेला का संचालन किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष दोनों राज्यों के बीच तालमेल की कमी के कारण डाक बम को लेकर जो अव्यवस्था होती है उसे इस बार पूरी तरह दूर करने का निर्णय लिया गया है. मुंगेर के आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि इस बार रविवार और सोमवार को सुल्तानगंज से ही डाक बम को नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार में पड़ने वाले कांवरिया पथ पर श्रद्धालुओं के लिए खान-पान सहित स्वास्थ्य,चिकित्सा और अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेगी. कांवरिया पथ पर गंगा की मिट्टी बिछाया जा रहा है ताकि कांवरियों को यात्रा में कोई परेशानी न हो.
डाक बम को नहीं मिलेगी सुविधा,मचान वाले वाहन की नहीं होगी जिला में इंट्री-डीसी
श्रावणी मेला को सफल बनाने की पूरी जिम्मेवारी स्थानीय जिला प्रशासन की होती है. जिला उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि भीड़ नियंत्रित करने के लिए जगह जगह पंडाल बनाया जा रहा है. कांवरियों को सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराया जाएगा. सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहेगा. डीसी ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस बार भी अरघा के माध्यम से जलापर्ण कराया जाएगा. डाक बम को कोई सुविधा नहीं दी जाएगी,वो भी एक आम श्रद्धालुओं की तरह ही लाइन में लगकर जलापर्ण करेंगे. वहीं जिला उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि किसी भी वाहन में मचान या डबल डेकर बना होगा तो उसकी इंट्री जिला में नहीं होगी. सभी सीमाओं पर इसको लेकर विशेष नज़र रखी जायेगी. यातायात को सरल बनाने के लिए श्रद्धालुओं से भरी निजी हो या यात्री वाली गाड़ी सभी को मेला क्षेत्र के बाहर ही पड़ाव स्थल पर पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.