शिवलिंगी फूल का महत्व : शेषनाग जैसी आकृति, पंखुड़ियों से गिरी बीच में शिवलिंग लोगों को आकर्षित करती है शिवलिंगी पुष्प

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दुमका: अभी सावन का समय चल रहा है.ऐसे में भगवान भोलेनाथ पर सुल्तानगंज से भक्त गंगाजल भरकर बाबा बैद्यनाथ और बाबा बासुकीनाथ पर जलार्पण करते हैं. लोग जल अर्पण के साथ-साथ बेलपत्र और फूल भी भगवान भोलेनाथ पर चढ़ाते हैं.

तीर्थ पुरोहित संजय झा का कहना है कि सावन में अगर कोई भक्त शिवलिंगी का फूल चढ़ाते हैं तो भगवान भोलेनाथ काफी प्रसन्न होते हैं. बासुकीनाथ के वन विभाग जिसको दारूक वन के नाम से लोग जानते हैं. उस दारुक वन में काफी सारे शिवलिंगी फूल का पेड़ है.

स्थानीय लोगों द्वारा शिवलिंगी के फूल को तोड़ कर भगवान भोलेनाथ पर अर्पित करते हैं. शिवलिंगी फूल का आयुर्वेदिक महत्व भी काफी है. सारे बीमारी में इसका उपयोग किया जाता है जिससे लोग स्वस्थ हो जाते हैं. अगर शिवलिंगी के बनावट की बात कर लें तो यह शेषनाग के जैसी आकृति है. पंखुड़ियों से गिरी बीच में शिवलिंग लोगों को आकर्षित करती है.


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