शारदीय नवरात्र का आज 8 वां दिन : देवघर में कुम्भलगढ़ किले का स्वरूप वाला बना एक पंडाल, सभी श्रद्धालु इसकी कर रहे तारीफ
देवघर:शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिन है. आज मां के अष्टम स्वरुप यानि महागौरी की पूजा होती है. नवदुर्गा के 9 रुपों में ये 8वीं देवी हैं. झारखंड समेत देशभर में दुर्गा पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. देवघर में भी दुर्गा पूजा काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है. शहर के तमाम पूजा पंडाल,मंदिर और घरों में लोग मां की भक्ति में लगे हुए हैं. शहर में तरह तरह के पूजा पंडालों का निर्माण कराया गया है. इन सब में एक राजस्थान के कुम्भलगढ़ किले का स्वरुप वाला पंडाल का निर्माण कराया गया है. यह पंडाल काफी आकर्षक लग रहा है और लोगों को ऐतिहासिक जानकारी व महत्व को बतालाया जा रहा है.
देवघर में विभिन्न पूजा समितियों द्वारा एक से बढ़कर एक पंडाल का निर्माण कराया गया है. कृष्णापुरी दुर्गा पूजा समिति द्वारा इस बार कुम्भलगढ़ किले का स्वरूप वाला पंडाल का निर्माण कराया गया है. कुंभलगढ़ महाराणा प्रताप का जन्म स्थान है. राजस्थान में स्थित कुम्भलगढ़ किला अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए है. चीन की दीवार के बाद इस किले की दीवार का स्थान आता है. पूजा समिति द्वारा कुंभलगढ़ किले की रूप वाली पंडाल को पूरी तरह इको फ्रेंडली बनाया गया है और इसके निर्माण में 3 माह से अधिक का समय लगा है. इस पूजा पंडाल में माँ की प्रतिमा का उद्घाटन होने के बाद यहाँ लोगों की हुजूम उमड़ पड़ी है. जो भी लोग यहाँ आ रहे हैं सभी पूजा पंडाल और माँ की प्रतिमा की तारीफ करते नहीं रह रहे है. वहीं भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूजा समिति के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई है. पूरे मेला परिसर की सीसीटीवी के जरिये मॉनिटरिंग की जा रही है.
राजस्थान की संस्कृति और कला की भी प्रदर्शन
राजस्थान की संस्कृति और कला के दीवाने सभी लोग हैं. राजस्थानी नृत्य तो सभी को पसंद हैं. कृष्णापुरी पूजा समिति द्वारा राजस्थान के इतिहास की जानकारी देने के लिए राजस्थान के कलाकारों को बुलाया है. इनके द्वारा राजस्थानी नृत्य और वहां से जुड़ी सभ्यता संस्कृति की प्रस्तुति दी जा रही है. यहाँ आने वाले लोग माँ की प्रतिमा की पूजा अर्चना के बाद राजस्थानी सभ्यता और संस्कृति का आनंद उठाने के साथ साथ वहाँ के इतिहास की जानकारी भी ले रहे हैं.