शराब माफिया को पकड़वाना ग्रामीणों को पड़ा महंगा : सभी पर FIR दर्ज, SSP ने कहा बेकसूर लोगों को मिलेगी राहत, जानें मामला
दरभंगा : मुख्यमंत्री नीतीश सरकार बिहार में शराबबंदी लागू करने के लिए लगातार समीक्षा बैठक कर आम लोगो से अपील कर कह रही है कि अपने क्षेत्रों के शराब कारोबारी की सूचना दे। शराब माफियाओं की जानकारी देने वाले व्यक्ति की पहचान प्रशासन के द्वारा गुप्त रखी जाएगी। वहीँ सरकार के इस फरमान का पालन करना कुछ ग्रामीणों को काफी महंगा पड़ गया।
मामला दरभंगा के हनुमान नगर प्रखंड के गोदायी पट्टी पंचायत से है जहां माधोपुर गांव ग्रामीणों को शराब माफियाओं की सूचना देना ही महंगा पड़ रहा है। जब से ग्रामीणों ने शराब कारोबारी की सूचना दे कर पकड़वाने का काम किया है। तब से कारोबारी के द्वारा धमकी दिया जा रहा है तथा पुलिस मदद की जगह उनलोगों को कारोबारी का संरक्षण देने का आरोप में नाम देकर परेशान कर रही है।
वहीँ पीड़ित सरपंच पति मोहन मिश्रा ने मोड़ो थाना थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की अपील पर शराब माफिया कि सूचना देकर उसको पकड़ना हमलोगों को भारी पड़ रहा है।मोरो थाना के द्वारा एफआईआर में उन्ही लोगो का नाम दिया है। जिन्होंने शराब कारोबारी की सूचना जिला मध्य निषेध विभाग को देकर शराब पकड़वाने का काम किया। उन्होंने कहा कि मोरो थाना को इससे पहले कई बार सूचना दिया गया। लेकिन थाना प्रभारी द्वारा किसी प्रकार की करवाई नही की गई। जिसके बाद हमलोगों ने इसकी सूचना जिला मध निषेध विभाग कि टीम को दी।
उन्होंने कहा कि सूचना के बाद 14 फरवरी 22 को रात्रि के 11 बजे करवाई करते हुए दो पिकअप भान और पांच मोटरसाइकिल तथा एक ट्रक को जप्त किया। वही पुलिस को आता देख शराब कारोबारी भागने लगे। भागते देख ग्रामीणों ने तीन कारोबारी को खदेड़ के पकड़कर थाना को सौप दिया गया। जिसके बाद मोरो थाना की पुलिस ने शराब कारोबारी का संरक्षण देने के आरोप में गांव के लोगो के साथ मेरा नाम देकर परेशान कर रही है। आलम यह है कि एक तरफ मोरो थाना की पुलिस गांव में छापेमारी कर परेशान कर रही है। तो दूसरी तरफ शराब कारोबारी जान से मारने की धमकी दे रहे है।