सरकार के विरोध में उतरा मुखिया संघ : कहा- पंचायत को चंगुल में लेने की चाहत सही नहीं, काम करने की मांगी स्वतंत्रता

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मोतिहारी : पंचायती राज व्यवस्था में लगातार नए-नए कानून लागू होने से नाराज बिहार के मुखिया अब सरकार के खिलाफ दो दो हाथ करने को तैयार हो गए हैं। मोतिहारी में जिला मुखिया संघ पूर्वी चम्पारण की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक जिला अध्यक्ष शशि भूषण सिंह के अध्यक्षता आयोजित कि गई।

इस बैठक में सरकार के द्वारा लागू किये गए नए नियम मनरेगा एम एम एस का विरोध किया गया। इस दौरान बताया गया कि सरकार का आदेश है कि मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का एम एम एस के तहत हाजरी 11 बजे तक कर लेना है जबकि एक रोजगार सेवक कई पंचायत में कार्यरत है ऐसे में बहुत जगह नेटवर्क कि समस्या है वैसे में बहुत सारे मजदूरों जो काम भी करेगे पर उनका उपस्थिति नही बन पाएगा जिस कारण मुखिया की परेशानी बढ़ेगी जो कि नियम संगत नहीं है । इसलिए सरकार इसमें सुधार करे अन्यथा पूरे बिहार के मुखिया मनरेगा कार्य से अपने को दूर रखेंगे ।

बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला सचिव राजू बैठा ने कहा कि पंचायती राज अधिनियम में पंचायत को विकसित करने का पूर्ण अधिकार पंचायत को दिया गया है जिसमे पंचायत ग्राम सभा कर पंचायत के विकास के लिए कोई भी योजना लेकर उसे क्रियान्वित कर सकती हैं परंतु सरकार पंचायत के प्रतिनिधियो के साथ दोहरी नीति अपना रही है। पंचायत को अपने चंगुल में करना चाह रही है जिस कारण पंचायत का विकास नही हो पा रहा है।

वहीँ उन्होंने कहा कि सरकार या तो मुखिया को ग्राम सभा के अनुसार काम करने की स्वतंत्रता दे और टाइड अनटाइड रूपी पेंच न फंसाए । अगर पंचायती राज अधिनियम की धारा 170 के तहत मुखिया जी लोकसेवक है मुखिया जी को लोकसेवक को मिलनेवाली सारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए और ग्राम सभा को समाप्त कर दिया जाए । अन्यथा सरकार का पूरा विरोध बिहार के मुखिया करेंगे ।


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