सपनों की उड़ान कार्यक्रम : DC की पहल पर सरकारी विद्यालय के 18 में से 10 छात्राओं ने JEE मेन में पाई सफलता, झारखण्ड का नाम किया रोशन

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खूंटी : खूंटी जिले की पहचान पहले नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता था. लेकिन अब खूंटी ने अपनी पहचान बेहतर शिक्षा की दिशा में बनाना शुरु कर दिया है. खूंटी डीसी शशि रंजन ने सपनों की उड़ान कार्यक्रम की शुरूआत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में किया. जिले के विभिन्न कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत मेधावी बालिकाओं का शिक्षा विभाग द्वारा काउंसिलिंग कराया गया और मेडिकल, इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए छात्राओं को तैयार किया गया.


जिला प्रशासन ने छात्राओं के बेहतर तैयारी के लिए रांची के एक कोचिंग संस्थान से ऑफलाइन और राजस्थान तथा दिल्ली के बेस्ट कोचिंग संस्थान से ऑनलाइन कोचिंग की व्यवस्था करायी. लगातार कस्तूरबा विद्यालय कालामाटी में बेहतर कोचिंग से यहां की छात्राओं ने जेईई और नीट की तैयारी तन मन से किया. जेईई में कुल 18 छात्राओं ने एग्जाम दिया और उसमें से 10 छात्राओं ने जेईई मेन में सफलता पाई.

खूंटी की ऐतिहासिक पहचान भगवान बिरसा मुंडा से रही है और उस पहचान को गौरवान्वित किया है भगवान बिरसा मुंडा की वंशज सरस्वती कुमारी ने.सरस्वती कुमारी ने भी जेईई मेन में सफलता प्राप्त कर अन्य छात्राओं के लिए मिसाल बन गयी है. शुरू में इन छात्राओं को मेडिकल, इंजीनीयरिंग के सिलेबस की कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन डीसी शशि रंजन की पहल पर सपनों की उड़ान कार्यक्रम ने सरकारी विद्यालय के छात्राओं के सपनों को पंख दिए और एक साथ10छात्राओं ने न केवल खूंटी बल्कि झारखण्ड का नाम रोशन किया है.


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