साहेबगंज में डायरिया का कहर : बरहेट में डायरिया से 3 लोगों की गई जान, इलाके में सनसनी

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साहेबगंज : बड़ी खबर साहेबगंज से जहां जिले के बरहेट प्रखंड क्षेत्र में डायरिया से 3 पहाड़िया की मौत हो गई. यहां डायरिया से पीड़ित गुरुवार को एक जबकि शुक्रवार को दो पहाड़िया ग्रामीणों की मौत हो गई है. इससे इलाके में सनसनी फेल गई है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिलने पर विभाग एक्शन में आई. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया. बीडीओ भी गांव पहुंच कर परिजनों से जानकारी ली है.


बता दें कि बरहेट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधान सभा क्षेत्र है. इसके बावजूद विभाग और विभागीय कर्मी की लापरवाही हुई है. इससे पहले भी कई पहाड़िया डायरिया से अपनी जान गवा चुके हैं.


मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की सुबह डायरिया से दो लोगों की मौत हो जाने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई. सूचना मिलते ही पंचायत के मुखिया देव सोरेन, पंचायत समिति सदस्य खगेंद्र शाह ने मेंटर गांव पहुंचकर पीड़ितों व ग्रामीणों का हाल जाना. इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरहेट से मेडिकल टीम प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर हेमंत मुर्मू की अगुवाई में गांव पहुंचकर पीड़ित का उपचार प्रारंभ किया. वहीं मामले को लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी सोमनाथ बनर्जी भी गांव पहुंचे और मृतकों के परिजन के अलावे पीड़ित मरीजों से मिलकर स्थिति का जायजा लिया. हालांकि मामले में एक की मौत गुरुवार को ही हुई थी जबकि शुक्रवार को दो की मौत हो गई. इधर उपचार कार्य शुरु हो जाने के बाद स्थिति सामान्य बताया जा रहा है. मृतकों में 20 वर्षीय सुरजी पहाड़ीन, 50 वर्षीय बोबी मैसा पहाड़िया, 65 वर्षीय सोनी पहाड़ीन शामिल हैं. वहीं अभी फिलहाल क्षेत्र के डायरिया पीड़ितों में 40 वर्षीय जलिया पहाड़ीन, 19 वर्षीय सखी पहाड़ी, 40 वर्षीय सुरजी पहाड़ीन, 10 वर्षीय खुशबू पहाड़ीन, 30 वर्षीय चांदी पहाड़ीन, 40 वर्षीय धर्मी पहाड़िन, 20 वर्षीय कादरी पहाड़ीन, 20 वर्षीय चंदा पहाड़िया, 11 वर्षीय मगले पहाड़िया एवं 8 वर्षीय छोटा सुरेश पहाड़िया शामिल है.


इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हेमंत मुर्मू ने बताया कि दो परिवार से कुल तीन सदस्यों की मौत डायरिया से हुई है. जिसमें बोबी मैसा चार दिनों से तथा सोनी पहाड़ी 7 दिनों से पीड़ित थी. लेकिन भूत प्रेत के चक्कर में पड़े थे और इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिली थी. यहां की सहिया काम नहीं करती है और सहिया साथी भी नदारद है.


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