2019 में 4 लाख नौकरी, 2022 तक एक भी नहीं मिली : चुनाव से पहले नौकरी ले लो, चुनाव के बाद बहाने ले लो

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23 जनवरी 2019 को तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल के श्रीमुख से एक मीठी वाणी निकली थी, जिसके चक्कर में आज छात्रों के देह पर तीखी-तीखी लाठियां चटक रही हैं। 3 साल पहले जब पीयूष गोयल ने रेलवे में 4 लाख नौकरियां देने का ऐलान किया था, तो उस वक्त छात्रों के मुंह से वाह-वाह निकला था। आज उसी नौकरी के चक्कर में छात्रों के मुंह से आह-आह निकल रहा है।

हालांकि पीयूष गोयल साहब ने तो 2018 में ही छात्रों को रेलवे में नौकरी का सपना दिखाना शुरु कर दिया था। पीयूष गोयल का ये ट्वीट देखिए। ट्वीट में गोयल साहब ने 90 हजार नौकरियों की सुनामी आने की बात लिखी थी। पीयूष गोयल साहब 90 हजार नौकरियों की जो सुनामी 2018 में ही ला रहे थे, 4 साल बाद 2022 में उस सुनामी में छात्र डुबकी लगा रहे हैं।

अब गलती गोयल साहब की नहीं है, गलती तो कमबख्त चुनाव की है। 2019 लोकसभा चुनाव सर पर था। नौजवान नौकरी-नौकरी चिल्ला रहे थे। तो गोयल साहब चुनाव से 3 महीने पहले आए और कह दिया 4 लाख नौकरियां देंगे, लेकिन हिडेन टर्म्स एंड कंडीशन थी कि वोट देना पड़ेगा। क्योंकि 4 लाख नौकरी 2 सालों में देंगे। चुनाव में 4 लाख नौकरियों के बदले नौजवानों ने भर-भरकर वोट दिया। लेकिन वोट के बदले 4 लाख नौकरी मिलना छोड़िए, नौकरियों के लिए परीक्षा करवाने और रिजल्ट देने में ही 3 साल से ज्यादा बीत गए। 3 साल बाद सिर्फ RRB-NTPC की एक परीक्षा ली गई, जिसके रिजल्ट में भी शिकायत पर छात्रों ने लाठी खाई, तो अब कमिटी बना दी गई। वहीं ग्रुप डी की एक नहीं दो-दो परीक्षा लेने की अभी तैयारी ही चल रही है।

लोकसभा चुनाव के वक्त जो रेल मंत्री पीयूष गोयल साहब डेढ़ लाख पदों की बहाली दो महीने यानी मार्च 2019 तक पूरा कर लेने की बात कह रहे थे, उसे 3 साल बाद भी नहीं पूरा होने के के लिए नए रेल मंत्री तरह-तरह के बहाने गिना रहे हैं। मतलब चुनाव के वक्त नेता आपको नौकरी ले लो नौकरी ले लो कहते नज़र आएंगे, लेकिन वही नेता चुनाव के बाद नौकरियां देने के नाम पर बहाने ले लो बहाने ले लो का राग अलापेंगे और इस गणतंत्र में तंत्र के हाथों ये गण हर बार ठगा महसूस करता रहेगा।


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