सोशल मीडिया की सकारात्मक पहल : परिवार से मिली महिला, दो महीनों से खा रही थी दर-दर की ठोकरें

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मुजफ्फरपुर : टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, उसके दुरुपयोग का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. लोग फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी निजी जिंदगी की तस्वीरें शेयर करते हैं, अपने अनुभव लिखते हैं. ऐसे में कई बार हमने लोगों की आईडी हैक होकर उनके नाम से ऑनलाइन ठगी या खुद लोगों को ठगी और धोखाधड़ी का शिकार होते देखा है, सुना और पढ़ा है। लेकिन कई बार परिवारों को तोड़ने और जिंदगी में जहर घोलने की वजह बना सोशल मीडिया इस बार बिछड़े हुए परिवार को मिलाने के काम किया है।

बिछड़ने के बाद महिला के साथ क्या-क्या हुआ ?

दो महिनों से बिछड़ी महिला को अपना परिवार मिल गया है। उस दौरान गांव वालों ने अच्छी पहल की है। अंग वस्त्र देकर विदा कर दिया है। इस पहल की हर कोई चर्चा कर रहा है। दरअसल पुरा मामला मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है। जहां पिछले 2 महिनों से मोकामा घाट की 45 वर्षिय महिला मीना देवी जो बख्तियारपुर में अपने परिवार से बिछड़ गई थी। परिवार से मिलने की आस में दर दर ठोकर खाती रही। वह पुरी तरह बेसुध हो चुकी थी। ना वो अपना नाम पता बता रही थई और ना ही ठिकाने की कोई जानकारी दे पा रही थी। उस दौरान काफी परेशानियों कि सामना करना पड़ा। रात के अंधेरे में भटकने के दौरान लोगों ने अमानवीय व्यवहार भी किया। किसी ने उसके बाल भी काट दिया तो किसी ने गांव से बाहर निकाल दिया। इस बीच औराई इलाके के रामपुर इलाके में भटकते-भटकते पहुंची। उसे रहने का सहारा मिल गया। एक जनप्रतिनिधि के मार्केट में अपना बसेरा बना लिया। वही रहने लगी। इस बीच स्थानीय जनप्रतिनिधि ने एक पहल की।

सोशल मिडिया का सहारा लिया।

जदयू पार्टी के सभी वाटसऑप ग्रुप में वायरल किया जाने लगा। वायरल इतना हुआ परिवार वालों के पास इसकी जानकारी पहुंच ‌गई। परिवार के लोगों ने विडियो कॉल पर बात की उस दौरान खुशी का ठिकाना ना रहा। परिवार के लोग दौरे दौरे पहुंचे। जिसके बाद शिनाख्त करते हुए परिजनों को सौंप दी गई।पती पत्नी दोनों एक साथ रवाना हो गए। वही इस मामले पर मीना देवी के पति कृष्णा पासवान ने कहा कि हमलोग तो उम्मीद छोड़ चुके थे। लेकिन मन में यह बात कचोट रहा था कि मीणा घर वापस लौटेगी एक दिन जरूर। इसको सोसल मीडिया का चमत्कार कहेंगे तो गलत नहीं होगा। अगर यह नहीं होता तो शायद मेरी पत्नी कभी घर नहीं लौट पाती और हमलोग कभी मिल नहीं पाते। और वो भी पूरी तरह स्वस्थ्य और सुरक्षित। हम इसके लिए सोसल मीडिया का शुक्र गुजार है।

स्थानीय जनप्रतिनिधि राकेश कुमार उर्फ पप्पू सिंह ने बताया कि जिस तरह से मेरे पास यह मामला आया मैंने अपने मोबाइम के व्हाट्सएप ग्रुप में तस्वीर को भेजा जिसके बाद इसका जवाब मोकामा में लोगो ने संपर्क किया है और इसके बाद इसकी जानकारी महिला के पति को मिली तब जाकर के पहचान हुई है।आज शाम को पति पहुंचे हैं और दोनों को अंग वस्त्र देकर विदाई की गई। यह सोसल मीडिया का एक बड़ा ही बेहतर और सकारात्मक प्रभाव है।