पुलिस को मिली बड़ी सफलता : चाईबासा में 15 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष डाला हथियार

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चाईबासा : इस वक्त की बड़ी खबर चाईबासा से आ रही है जहां एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते का 15 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले पुलिस के लिए अब तक की सबसे बड़ी सफलता है.

बता दें कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है. जिस कारण से नक्सली बैकफुट पर आ गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की लगातार छापेमारी अभियान के बाद 15 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सभी नक्सली माओवाद के सेंट्रल कमिटी के एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के दस्ते के हैं. चाईबासा पुलिस से सभी 15 नक्सलियों ने संपर्क किया था कि वे जंगल की दुनिया छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं. जल्द ही सभी को पुलिस अधिकारियों के समक्ष विधिवत रूप से आत्मसमर्पण कराया जायेगा. एक साथ 15 नक्सली कैडरों के सरेंडर से कोल्हान में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है. वहीं,पुलिस इस सरेंडर को बड़ी उपलब्धि मान रहा है.

झारखंड में नक्सलियों को मुख्य धारा में जोड़ने के लिए आत्म समर्पण नीति से प्रभावित होकर नक्सली यह बड़े कदम उठा रहे हैं. कोल्हान के जंगल में सक्रिय बड़े नक्सली नेता का पुलिस को काफी दिनों से तलाश है. इधर चाईबासा पुलिस सूत्रों ने बताया की झारखंड पुलिस एवंCRPFके समक्ष सामूहिक रूप से कोल्हान और सारंडा के बीहड जंगलों में सक्रिय नक्सलियों के द्वारा आत्म समर्पण किया जाएगा. इस संबंध में पुलिस केंद्र चाईबासा में पुलिस उप-महानिरीक्षक,सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र,पुलिस उप-महानिरीक्षक, (Ops), CRPF, उपायुक्त,पश्चिमी सिंहभूम,पुलिस अधीक्षक,पश्चिमी सिंहभूम एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों के द्वारा एक प्रेस ब्रीफिंग कर विस्तृत जानकारी दी जायेगी.

पिछले एक साल से कोल्हान के जंगल में चल रहा नक्सलियों के खिलाफ अभियान

कोल्हान के जंगल में पिछले एक साल से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. बूढ़ा पहाड़,बुलबुल जंगल,खूंटी,चाईबासा और सरायकेला-खरसावां के ट्राई जंक्शन क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने के बाद सुरक्षा बलों का फोकस पश्चिम सिंहभूम के सारंडा क्षेत्र में है. सभी बड़े नक्सली इसी क्षेत्र में सिमटे हुए बताये जा रहे हैं. पुलिस कई महीनों से उनकी घेराबंदी कर रही है. झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों की बदौलत नक्सलियों के प्रभाव वाले कई गांव उनसे मुक्त कर लिये गये हैं. इस अभियान में सुरक्षा बलों को भी नुकसान पहुंचा है.

चाईबासा से संतोष वर्मा की रिपोर्ट--


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