अधिकारी तलब ! : शराब मिलने पर पूरे परिसर को सील करने पर पटना हाईकोर्ट ने जताई नराजगी
Patna:-पटना हाईकोर्ट ने हाजमोला के कार्टून में शराब पाये जाने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।जस्टिस पी बी बजंथरी की खंडपीठ ने सुमित शुक्ला की रिट याचिका पर सुनवाई की। इस मामलें पर अगली सुनवाई 26फरवरी,2024 को की जाएगी।
कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि अगली सुनवाई में सकारात्मक जवाब सरकार की तरफ से नही मिला, तो कोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस या आबकारी विभाग के संबंधित अधिकारी को तलब करेगी ।याचिकाकर्ता इलाहाबाद से हाजमोला के सीलबंद कार्टून की बड़ी खेप को मुजफ्फरपुर ट्रांसपोर्ट किया था।तथाकथित रूप से उन कार्टून की खेप से शराब के बोतल मिले।इस आधार पर मोतीपुर थाना में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई । सुमित शुक्ला ने मुजफ्फरपुर के आबकारी अधीक्षक और जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन देकर हाजमोला के बंद डब्बों को छुड़ाने की गुहार लगाया था, जिसे किसी भी अधिकारी ने नही सुना।
वहीं एक दूसरे मामले में पटना हाई कोर्ट ने शराब की बरामदगी के बाद पूरे परिसर को सील कर राज्यसात की कार्रवाई को गलत करार दिया है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जहां से शराब की बरामद हुआ है, उसी जगह को राज्यसात किया जा सकता है।
जस्टिस पीबी बजन्थरी की खंडपीठ ने शिवराज चौधरी की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की।आवेदक के वकील प्रशांत कश्यप ने कोर्ट को बताया कि गया कि खिज्रसराय स्थित शिव भोग आटा मिल के ग्राउंड फ्लोर से 314 लीटर से ज्यादा शराब बरामद की गई थी।लेकिन तीन तल्ला का पूरा मकान को जब्त कर सम्पत्ति को राज्यसात करने की कार्रवाई की जाने लगी।उनका कहना था कि शराबबंदी कानून के तहत जिस जगह से शराब मिला, उसी जगह को जब्त कर आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए ,न कि पूरे परिसर को जब्त कर राज्यसात की कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने एडिशनल क्लेक्टर,असिस्टेंट कमिश्नर और अपर मुख्य सचिव की ओर से पारित आदेश को निरस्त करने की मांग कोर्ट से की।साथ ही सम्पति का मूल्यांकन रिपोर्ट को भी निरस्त करने की मांग कोर्ट से की।उन्होंने शिव भोग आटा मिल को नीलामी करने से रोकने का भी निवेदन कोर्ट से किया।कोर्ट ने अधिकारियों को तीन माह के भीतर जहा से शराब बरामदगी की गई हैं, सिर्फ उसी जगह को राज्यसात कर नीलामी के लिए मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई करें।