पलामू में मुठभेड़ पर टीपीसी ने किया दावा : जवानों की मौत उनकी गोली से नहीं, बल्कि पुलिस की आपसी विवाद में हुई
पलामू : जिले के मनातू में हुई पुलिस–टीपीसी मुठभेड़ के बाद शहीद हुए दो जवानों को लेकर तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानि टीपीसी ने बड़ा बयान जारी किया है. संगठन के सचिव रणविजय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दावा किया है कि दोनों पुलिसकर्मियों की मौत टीपीसी की गोली से नहीं, बल्कि पुलिस के आपसी विवाद के चलते हुई है.
विज्ञप्ति में टीपीसी ने आरोप लगाया है कि एक पुलिसकर्मी ने अपने ही साथियों पर करीब 20 फीट की दूरी से नौ गोलियां चलाईं. संगठन ने इस घटना को साजिश बताते हुए उच्चस्तरीय जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की दोबारा जांच की मांग की है. टीपीसी का कहना है कि घटना के समय उनका साथी शशिकांत मौके से काफी दूर था और उसका घर झारखंड जगुआर व जिला पुलिस ने पहले ही घेर रखा था. ऐसे में उस पर आरोप ग़लत है. टीपीसी ने आईजी, एसपी और डीएसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है. साथ ही अभियान में शामिल पुलिसकर्मियों से अपील की है कि वे संतन मेहता और सुनील राम के हत्यारों को बेनकाब करें. विज्ञप्ति में संगठन ने साफ किया है कि उनकी लड़ाई पुलिस, आदिवासी या गैर-आदिवासी समाज से नहीं है, बल्कि महंगाई, बेरोजगारी, भुखमरी और भ्रष्ट पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ है.
पलामू से नितेश तिवारी की रिपोर्ट--