पाकुड़ में प्रसूता की मौत पर हंगामा : आक्रोशित परिजनों ने किया सड़क जाम, पुलिस के समझाने के बाद हटा सड़क जाम

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पाकुड़ : बड़ी खबर पाकुड़ से है जहां सदर अस्पताल में इलाजरत महिला की प्रसव के बाद मौत हो गई. महिला ने बच्ची को जन्म दी थी. घटना के बाद परिजनों ने काफी हंगामा किया. घटना से आक्रोशित परिजन सहित ग्रामीणों ने डेड बॉडी को एम्बुलेंस में रख कर सदर अस्पताल सोनाजोड़ी के सामने पाकुड़-दुमका मुख्यमार्ग को जाम कर दिया. डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की.

बताया जा रहा है कि हिरनपुर के बड़तल्ला निवासी महिला हलीमा बीबी ने प्रसव के दौरान बुधवार को बच्ची को जन्म दी. इसके बाद दूधमुंही बच्ची की मां का इलाज अस्पताल में ही चल रहा था. इसी बीच गुरुवार को करीब 3-4 बजे प्रसूता महिला हलीमा की मौत हो गई. इससे परिजन और ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. आक्रोशित लोगों ने डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

परिजनों की मानें तो दूधमुंही बच्ची का सर से मां की ममता,सर का आँचल और गोद में खेलाने वाली मां को कोई लौटा सकता है. अगर नहीं तो इलाज़ में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों पर एफआईआर कर कार्रवाई की जानी चाहिए. हालांकि घटना की सूचना पाते ही नगर थाना और हिरनपुर की पुलिस पहुंचकर काफी समझाने-बुझाने का प्रयास किये. परन्तु किसी ने नहीं माना. इधर करीब 4 घंटे तक सड़क जाम नहीं हटने से अवगमन ठप हो गया. उधर एसडीएम प्रवीन केरकेट्टा और एसडीपीओ डीएन आजाद पहुंचे जहां सड़क जाम को मुक्त कराने को लेकर परिजनों से बातचीत किये. काफी समझाने बुझाने के बाद सड़क जाम हटाया गया.

मामले में एसडीएम केरकेट्टा ने बताया कि परिजनों ने डॉक्टरों व स्वस्थ्य कर्मियों पर इलाज़ के दौरान लापरवाही का आरोप लगाया है. इसके चलते दूधमुंही बच्ची की मां हलीमा की मौत हुई है. परिजनों की मांग है की हलीमा की मौत के समय ड्यूटी पर जो भी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी थे उन सभी पर एफआईआर होनी चाहिए. साथ ही एसडीएम ने बताया कि परिजनों द्वारा लिखित आवेदन देने के बाद उस पर कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद सड़क जाम को हटाया गया है.

आपको बता दें कि पाकुड़ का सदर अस्पताल रेफरल अस्पताल के नाम से जाना जाता है. यह कोई नई घटना नहीं है. इस तरह की कई घटना में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों पर आरोप लगते आ रहे हैं और कार्रवाई करने का आश्वासन मिलता रहता है. इसके बाद भी घटना पर घटना होते रहता है. जरा हम पिछले घटना को देखें तो जो अब तक की जानकारी के मुताबिक 2 जुलाई 2021 की खबर के अनुसार पाकुड़ प्रखंड में दो दूधमुहे बच्चे की मौत का भी आरोप इस अस्पताल के डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों पर लगा है. तो वहीं हम बात करें 25 सितम्बर 2023 में हिरनपुर के कदमटोला निवासी दलित प्रसूता नैना देवी ने दूधमूंही बच्ची को जन्म देने के बाद इलाज़ के दौरान मौत पर भी परिजनों ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया था और सड़क जाम किया था. इसके बाद भी पाकुड़ स्वास्थ्य विभाग में बदलाव या दुरुस्त नहीं हो पा रहा है.