नीतीश ने कांग्रेस को कोसा...मोदी की कर दी तारीफ : कहा : काफी टालमटोल के बाद मिला मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी, नई सरकार में शुरू हुआ काम
MOTIHARI :मोतिहारी के सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आज दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिरकत किया। इस दौरान मंच पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री राधामोहन सिंह भी मंच पर मौजूद थे।
केन्द्रीय विवि के स्थापना के बारे में बताया
दीक्षांत समारोह के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने समारोह में मौजूद छात्रों को इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के बारे में विस्तृत तरीके से बताया। नीतीश कुमार ने मोतिहारी से विशेष प्रेम के बारे में बताया और कहा कि शुरु से ही इस जगह से मेरा विशेष लगाव रहा है।
चंपारण से है सीएम नीतीश को विशेष लगाव
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने कहा कि जब 2005 में हमलोगों की सरकार नहीं बनी तो सबसे पहले हमने यहीं से अभियान की शुरुआत की। इस दौरान मंच की तरफ इशारा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि ये सभी लोग यहां बैठे हुए हैं, भूलिएगा मत ये सब। यहीं से अभियान की शुरुआत करने के बाद हमलोगों को जीत हासिल हुई।
इस दौरान नीतीश कुमार ने बापू को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने देश की आजादी के लिए जो काम किया, सबसे पहले बिहार के चंपारण से इसकी शुरुआत हुई थी इसलिए यहां की मिट्टी की मैं बहुत इज्जत करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं कि बापू का चंपारण से जो अभियान शुरू हुआाा, उसक महत्व हमेशा राष्ट्रीय स्तर पर दो लेकिन मेरी बात ही नहीं सुनता है सब।
बिहारी अंदाज से सीएम नीतीश ने जीता दिल
फिर नीतीश कुमार ने हंसते हुए कहा कि इसलिए हम सब दिन इज्जत करते हैं लेकिन वोटवा जिसको देना है दे...लेकिन जबतक हम जीवित रहेंगे, तबतक यहां का इज्जत करते रहेंगे।
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने मोतिहारी के सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना के बारे में कहा कि जब उसवक्त केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री थे, वे मुझे बुलाए और घर पर खाना भी खिलाए। तभी मैंने मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का प्रपोजल दिया लेकिन वे टालमटोल करते रहे। फिर वे किए नहीं और कहने लगे कि वहां ठीक नहीं है। तब मैंने कहा कि आपलोग कैसे नेता हैं कि बापू की चीजों का भुला रहा हैं।
तब केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनेगा तो मैंने कहा कि गया का भी अपना महत्व है। वहां भी बनाइए तो ठीक है। मैं मदद भी करुंगा लेकिन आग्रह करेंगे कि एक का तो तय हो गया लेकिन दूसरे का भी तय कीजिए। फिर मेरी बात को स्वीकार किया।
"नई सरकार आने के बाद काम हुआ शुरू"
इसके बाद साल 2014 में मोतिहारी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्वीकृति हुई और फिर जब नई सरकार आयी तो यहां काम शुरू हो गया। अब मेरी चाहत है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग जल्द बने। इसके लिए मैंने अधिकारियों को कह दिया है और राज्य सरकार ने 135 एकड़ जमीन दे भी दिया है लेकिन 300 एकड़ की जरूरत है तो मैंने अधिकारियों को कह दिया है कि जल्द इस काम को पूरा करें। एक महीना के अंदर ये काम कर दीजिए और जल्द से जल्द बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू करा दीजिए। बिल्डिंग बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से भी मदद करेंगे।
बिल्डिंग निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यूनिवर्सिटी को जमीन तुरंत उपलब्ध कराइए। हमने चीफ सेक्रेटरी को बोल दिया है कि तीन दिन के अंदर का वक्त है, आप यहां आए हैं तो देख लीजिए। पूरा करके यूनिवर्सिटी प्रशासन को हैंडओवर कीजिए। सेंट्रल यूनिवर्सिटी की अपनी बिल्डिंग बन जाने से छात्र-छात्राओं को काफी सहूलियत मिलेगी।